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प्रेमचंद अग्रवाल के निर्वाचन पर हाईकोर्ट का नोटिस

छह हफ्ते में मांगा है जवाब, निर्णय प्रतिकूल रहा तो बढ़ेंगी मुश्किलें

नैनीताल हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई कर काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को नोटिस जारी कर छह हफ्ते में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 26 मई को होनी है। निर्णय प्रतिकूल रहने की स्थिति में उनसे मंत्री और विधायक दोनों ही पद छिन सकते हैं।

मंगलवार को हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विरूद्ध दायर याचिका पर दूसरी बार सुनवाई की। इससे पहले कोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा लगाई गई आपत्तियों को याचिकाकर्ता ने पूरा कर दिया था। इन्हें दूर करने के लिए याचिकाकर्ता को दो बार 24 घंटे का समय दिया गया था।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ऋषिकेश निवासी कनक धनै ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा विधानसभा चुनाव 2022 की प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करीब पांच करोड़ रुपए के डिमांड ड्राफ्ट मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बांटे गए। जिसकी स्वीकृति विधानसभा सचिव द्वारा दी गई थी। ये डिमांड ड्राफ्ट ₹4,975 के बनाए गए हैं, जिनमे 3 फरवरी और 9 फरवरी की तारीख अंकित है। याचिकाकर्ता ने डिमांड ड्राफ्ट के साक्ष्य याचिका में संलग्न किए हैं।

आज न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए प्रेमचंद अग्रवाल, चुनाव आयोग भारत सरकार, चुनाव आयोग उत्तराखंड, राज्य सरकार, स्पीकर लेजिस्लेटिव असेंबली विधानसभा भवन देहरादून, जिला अधिकारी देहरादून, एसडीएम/रिटर्निंग ऑफिसर, ऋषिकेश जिला कोषागार अधिकारी देहरादून को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।

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