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देवस्थानम बोर्ड भंग करना, हार से घबराई सरकार का कदम : हरदा

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए अपनी बात कही है। जिसमें उन्होंने जहां इस निर्णय को तीर्थ पुरोहितों, जागरूक जनमत की जीत बताया, वहीं सरकार से राज्य की जनता से माफी मांगने की बात भी कही है। उन्होंने इस निर्णय को हार से घबराई हुई सरकार का कदम भी बताया है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट अपने वीडियो में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत कहते हैं कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करना एक आसन्न हार से घबराई हुई सरकार का कदम है। कांग्रेस और तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों और उत्तराखंड के जागरूक जनमत की जीत है।

जब यह कानून विधानसभा में आया था, हमारी पार्टी और विधायक मनोज रावत ने पार्टी की ओर से इसका विरोध किया था। जो कुछ उस समय कांग्रेस ने कहा था, अंतोगत्वा सारे राज्य की जनता ने उसे स्वीकार किया। भारतीय जनता पार्टी हठपूर्वक दो साल से बोर्ड के गठन का समर्थन कर रही थी और उसके पक्ष में नाना प्रकार के अनर्गल तर्क दे रही थी।

जनता के रोष को देखते हुए, तीर्थ पुरोहितों के रोष को देखते हुए और कांग्रेस के दबाव को देखते हुए इनको ये एक्ट आज वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी। देवस्थानम बोर्ड को भंग करना पड़ा।

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