ब्राह्मणों पर है संस्कृति व संस्कृत के संरक्षण का दायित्व
जयराम आश्रम में वैदिक ब्राह्मण सभा का वार्षिक सम्मेलन आयोजित

ऋषिकेश। वैदिक ब्राह्मण सभा के वार्षिक सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि ब्राह्मणों पर संस्कृति के साथ संस्कृत भाषा के संरक्षण का भी दायित्व है।
गुरुवार को जयराम आश्रम में वैदिक ब्राह्मण सभा के वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ पूर्व शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली, स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, निवर्तमान मेयर अनिता ममगाई, कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, पूर्व प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार शुक्ला, समाजसेवी मदन मोहन शर्मा, महंत रवि शास्त्री ने किया। कार्यक्रम अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ शास्त्रों व पुराणों की भी जननी है।
मुख्य अतिथि शिव प्रसाद खाली ने कहा कि ब्राह्मण समाज का चालक है यदि चालक सजग होगा तो समाज को सही मार्गदर्शन मिलेगा। डॉ जनार्दन कैरवान ने कहा आज समाज में शास्त्रों के ज्ञान को तोड़ मरोड़ कर परोसा जा रहा है, जो कि उचित नहीं। इसलिए ब्राह्मण शास्त्र ज्ञान लेकर समाज का मार्गदर्शन करना अपना दायित्व समझें। इससे पूर्व सभा के महामंत्री महेश चमोली ने संस्था की गतिविधियों और कार्ययोजना को साझा किया।
मौके पर सभा अध्यक्ष मणिराम पैन्यूली, शिव सेमवाल, शिव प्रसाद नौटियाल, जगमोहन मिश्रा, विजय जुगलान, नवीन भट्ट, डॉ. दयाकृष्ण लेखक, विनायक भट्ट, शान्ति मैठाणी, हर्षानंद उनियाल, विपिन बहुगुणा, रूपेश जोशी, मनोज चमोली, गिरीश कोठियाल, मयंक चमोली, देवेंद्र उनियाल, भानु प्रकाश उनियाल, सूर्य प्रकाश रतूड़ी, राजेश बहुगुणा, प्रकाश सेमवाल, रामकृष्ण कोठियाल, नरेंद्र सकलानी, सूरज बिजलवान पुरुषोत्तम कोठारी, ज्योति प्रकाश, राकेश बहुगुणा, मोहित भट्ट, विवेक चमोली, चिंतामणि केमनी, नागेंद्र भद्री, उमादत्त अंथवाल, मोहन भट्ट, हर्षमणि नौटियाल, जगदीश जोशी, सुनील थपलियाल, रमावल्लभ भट्ट, आशाराम व्यास, जयकृष्ण अंथवाल, सोमनाथ नौटियाल, सुरेश भट्ट आदि मौजूद थे।