कृषि व बागवानी क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में ठोस पहल
महानिदेशक वंदना सिंह ने योजनाओं की समीक्षा कर दिए अहम निर्देश

देहरादून। राज्य के कृषि व बागवानी क्षेत्र को अधिक सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाने की दिशा में कृषि व उद्यान विभाग की महानिदेशक वंदना सिंह ने व्यापक स्तर पर पहल करते हुए विभागीय योजनाओं की गहन समीक्षा की। इस क्रम में विभिन्न उच्चस्तरीय बैठकों का आयोजन कर उन्होंने वर्तमान प्रगति की जानकारी ली और आगामी कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए।
महानिदेशक ने जायका-उत्तराखण्ड एकीकृत बागवानी विकास परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि परियोजना की कार्ययोजना को जमीनी स्तर की वास्तविक गतिविधियों के अनुरूप संशोधित किया जाए। निर्देश दिए कि जिन जनपदों में परियोजना के अंतर्गत क्लस्टर विकसित किए जाने हैं, वहां इसी माह स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही, योजना के अंतर्गत प्रस्तावित ऑफ-सीजन और एग्जॉटिक सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पौध उत्पादन और सरकारी बागानों में पर्याप्त रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
बैठक में नोडल अधिकारी ने राज्य की नर्सरियों के पुनर्जीवन के लिए तैयार मास्टर प्लान की जानकारी दी। बताया गया कि नर्सरी विकास अधिकारियों के कार्य विभाजन व ड्यूटी चार्ट की प्रक्रिया इसी माह पूर्ण कर ली जाएगी। इसके अलावा, राज्य को आलू बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विस्तृत योजना प्रस्तुत की गई। महानिदेशक ने चिन्हित नर्सरियों में आलू विकास अधिकारियों की तैनाती के लिए इसी सप्ताह आदेश जारी करने के निर्देश दिए।
महानिदेशक ने सगंध पौधा केंद्र (कैप), सेलाकुई का निरीक्षण कर केंद्र निदेशक डॉ. नृपेन्द्र चौहान को महक क्रांति के अंतर्गत सगंध पौधों के क्लस्टरों का विस्तार करने और वैल्यू चेन पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्यान विभाग के नए कर्मचारियों को उच्च गुणवत्ता की पौध सामग्री तैयार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने और दिसंबर माह में प्रगतिशील सगंध कृषकों के साथ बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए। टिश्यू कल्चर लैब के निरीक्षण के दौरान अखरोट की पौध तैयार करने और च्यूरा उत्पादों की वैल्यू चेन विकसित करने पर भी जोर दिया गया।
इसी क्रम में उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद की समीक्षा बैठक में जैविक कृषि को बढ़ावा देने, जैविक उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ने, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से सहयोग स्थापित करने और परिषद के आय स्रोत विकसित करने पर चर्चा हुई। महानिदेशक ने देहरादून जनपद के ग्राम सीरियों व गुंदियावाला का भ्रमण कर जैविक खेती कर रहे किसानों से भी संवाद किया।



