महानगरों से गांवों तक नशीले पदार्थों का सेवन चिंताजनकः राज्यपाल
अन्तरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर छात्र-छात्राओं को दिलाई नशा मुक्ति की शपथ
देहरादून। अन्तरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने दून मेडिकल कॉलेज में छात्र-छात्राओं को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई। कहा कि मादक पदार्थों व नशीली दवाओं का उपयोग समाज के लिए एक गंभीर समस्या है। छोटे गांव से लेकर बड़े-बड़े महानगरों तक नशीली दवाओं के सेवन का बढ़ता उपयोग चिंताजनक है।
राज्यपाल ने कहा कि जिस प्रकार टेक्नोलॉजी में तीव्र गति से प्रगति हो रही है उसी प्रकार नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों का उत्पादन, प्रसारण, वितरण और सेवन भी बढ़ रहा है। कहा कि मादक पदार्थों के सेवन और वितरण की रोकथाम में समाज के सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करने होंगे। इसके लिए जनजागरूकता भी बेहद जरूरी है। युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, आत्मनियंत्रण और आत्मानुशासन के बल पर नशे व मादक पदार्थों के सेवन से स्वयं को दूर रखें।
उन्होंने कहा कि कर्तव्यनिष्ठ और कार्यदक्ष पुलिस प्रणाली भी नशीले दवाओं के दुरूपयोग के खतरों को कम करने में सहायक होंगे। प्रशासन, पुलिस और नागरिक समाज को प्रतिबद्धता के साथ इसे समाप्त करने के लिए कार्य करना होगा। कहा कि हमारे शैक्षिक, सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक क्षेत्रों के आपसी तालमेल और प्रयासों से नशीली दवाओं के दुरूपयोग के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करके, नशा मुक्त समाज का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि नशे को समाज से समाप्त करने के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान बेहद जरूरी है। लोगों को इसके दुष्प्रभाव के बारे में समय-समय पर बताया जाना महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा इस ओर कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। 2025 तक ड्रग फ्री देवभूमि का लक्ष्य तय किया गया है।
मौके पर दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनप्रीत कौर, रजिस्ट्रार एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि डॉ. एमके पंत, डॉ. देवव्रत राय आदि मौजूद थे।