
ऋषिकेश। उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबंधकीय शिक्षक संघ का दो दिवसीय प्रांतीय सम्मेलन संपन्न हो गया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए सतत प्रयासों की जरूरत है। वह इस कार्य में संस्कृत शिक्षकों का हरसंभव सहयोग करेंगे।
ढालवाला स्थित चंद्रा पैलेस में प्रांतीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम का शुभारांभ पूर्व शिक्षामंत्री अरविंद पांडे, नगरपालिका मुनिकीरेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, सहायक निदेशक हरिद्वार डॉ. वाजश्रवा आर्य, जनार्दन आश्रम दंडीवाड़ा के प्रबंधक केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। प्रथम सत्र में नवनिर्वाचित महामंत्री डॉ. नवीन पंत द्वारा रखे गए संस्कृत के विकास से संबंधित 15 सूत्रीय प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया गया।
समापन पूर्व शिक्षामंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि संस्कृत भाषा के उन्नयन और संवर्धन के लिए प्रयास करना होगा। संस्कृत शिक्षकों के 15 सूत्रीय प्रस्ताव के समर्थन में कहा कि वह अपने सामर्थ्य अनुसार पूर्ण सहयोग करेंगे। वह हमेशा संघ के साथ खड़े हैं। शिक्षकों के हितों के लिए प्रयास किया जाएगा।
पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने अतिथियों का अभिनंदन किया। केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। इसबीच संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. जनार्दन कैरवान ने प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तार की घोषणा की।
इस अवसर पर प्रणय बहुगुणा, मीनाक्षी चौहान, तारा देवी, महेश बहुगुणा, हेमंत तिवारी, सुरेंद्र भट्ट, दिवाकर गौड़, मणिराम पैन्यूली, नरेन्द्र सकलानी, शिवप्रसाद सेमवाल, अमित कोठारी, गोपाल अग्रवाल, सूरज विजल्वाण, पुरूषोत्तम कोठारी आदि मौजूद थे।
इन्हें मिली जिम्मेदारी
जितेंद्र भट्ट और महावीर प्रसाद गैरोला को संरक्षक, सुभाष डोभाल को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, डॉ. ललिता चौहान को कनिष्ठ उपाध्यक्ष, विनायक भट्ट को संगठन मंत्री, विपिन बहुगुणा को कोषाध्यक्ष, सुशील नौटियाल को सहमंत्री और मनोज शर्मा को प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई। वहीं नवीन भट्ट, विजय जुगलान, शांति प्रसाद मैठाणी, तुलसीराम लखेडा, द्वारिका प्रसाद नौटियाल को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया।