• प्रीतम सिंह के संग हरक सिंह, यशपाल आर्य ने भी संभाला मार्च का नेतृत्व
Congress Politics: देहरादून। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और चकराता प्रीतम सिंह का आज का शक्ति प्रदर्शन कामयाब दिखा। प्रीतम के आह्वान पर कांग्रेस के 19 में से 14 विधायकों और कई वरिष्ठ नेताओं का सचिवालय कूच में पहुंचना इसबात की तस्दीक करता है। मार्च को सचिवालय से पहले ही रोके जाने के बावजूद कांग्रेस सरकार पर पूरी तरह से हमलावर नजर आई। कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश में भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न, नौकरियों में गड़बड़ी, कानून व्यवस्था आदि पर जमकर हमला बोला।
रेंजर्स ग्राउंड में प्रदेशभर से जुटी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ ने चकराता विधायक प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और मौजूद विधायकों के नेतृत्व में सचिवालय कूच किया। मार्च दर्शनलाल चौक, घंटाघर, एस्लेहाल से होते हुए जैसे ही आगे बढ़ा, सचिवालय से पहले तैनात भारी पुलिस बल ने बैरिकेड लगाकर उसे रोक दिया। इस दौरान कांग्रेसियों की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक की भी खबरें हैं।
इससे पूर्व रेंजर्स ग्राउंड में मौके पर मौजूद विधायकों ने प्रीतम सिंह के संघर्ष में साथ होने की दुहाई देते हुए सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोला। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रचंड बहुमत के बाद भी भाजपा सरकार ने जनता को सिर्फ जख्म दिए हैं। दिशाहीन सरकार का जनता से कोई सरोकार नहीं। कांग्रेस जनआवाज को हरहाल में ताकतवर तरीके से उठाएगी। संघर्ष को और तेज किया जाएगा।
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि वनंत्रा रिसॉर्ट केस, UKSSSC घोटाला, विस बैकडोर भर्ती प्रकरण में सरकार की नाकामी सामने है। कहा कि पहले उत्तराखंड को बनाने की लड़ाई लड़ी थी, अब उत्तराखंड को बचाने की लड़ाई लड़नी होगी।
बता दें कि प्रीतम सिंह के आह्वान पर आज के सचिवालय घेराव कार्यक्रम में पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के अलावा कई वरिष्ठ कांग्रेसी गायब दिखे। कूच में विधायक मयूख महर, भुवन कापड़ी, आदेश चौहान, तिलकराज बेहड, सुमित हृदयेश, गोपाल राणा, विक्रम सिंह नेगी, फुरकान अहमद, पूर्व विधायक राजकुमार, कांग्रेस प्रवक्ता सूर्यकांत धस्माना आदि मौजूद रहे।