सहकारिता से ही आत्मनिर्भर भारत का सपना होगा साकार
मुख्यमंत्री धामी श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित सहकारिता मेले में शामिल हुए

श्रीनगर (गढ़वाल)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को श्रीनगर स्थित आवास विकास मैदान में आयोजित 09ै दिवसीय सहकारिता मेले के 7वें दिन बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों, मार्शल स्कूल के बैंड और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भव्य स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले विभिन्न विभागों, समूहों और संस्थाओं के स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और काश्तकारों व स्वयं सहायता समूहों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला उद्यमिता को नई दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सहकारिता समाज को जोड़ने और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह मेला सहकारिता की भावना को और प्रगाढ़ करेगा और महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करेगा। बताया कि वर्ष 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा सहकारी क्षेत्र को सशक्त करने के लिए एक अलग सहकारी मंत्रालय का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सहकारिता क्षेत्र को डिजिटल रूप देने के लिए 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। साथ ही 13 जनपदों की 5511 समितियों में से 3838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर ऑनलाइन कर दिए गए हैं। बताया कि राज्य में किसानों के हित में मंडुवा की खरीद दर में 5.50 रुपये प्रति किलो की वृद्धि की गई है, जिससे अब यह 48.86 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। किसानों को पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सहकारी बैंकों में आज 16 हजार करोड़ रुपये की पूंजी जमा है, जो जनता के विश्वास का प्रमाण है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला उद्यमिता को नई दिशा मिल रही है और लखपति दीदी अभियान तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा को राज्य की महिलाएं अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के माध्यम से साकार कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिसके तहत 100 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है। हरिद्वार में उजागर हुए नकल प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति भी की गई है। एक सख्त भू-कानून लागू कर भूमाफियाओं पर अंकुश लगाया गया है, जिससे राज्य की भूमि और पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर में सीवर लाइन और पेयजल आपूर्ति की डीपीआर प्राप्त होते ही स्वीकृति दी जाएगी, जिससे नगर में 15 घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित होगी।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हैं, जिसे 50 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेशभर के 16 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण वितरित किया गया है। श्रीनगर मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगभग 35 लाख रुपये का व्यापार किया गया, जबकि कुल व्यापार लगभग 1 करोड़ रुपये का हुआ है।
मंत्री ने बताया कि सहकारिता विभाग वर्तमान में 30 करोड़ रुपये के लाभ में है और अब तक 1.80 लाख महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, जिसे चार लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से राज्य में रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है। कल 1500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे, जिससे रोजगार का आंकड़ा 26,500 के पार पहुंच जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री ने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को बागवानी, मुर्गीपालन, दोना-पत्तल निर्माण और बद्री गाय पालन के लिए 5-5 लाख रुपये के चेक वितरित किए। इसके अलावा कृषि यंत्रों के लिए 4-4 लाख रुपये के चेक व गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए नवीन पटवाल को सम्मानित किया गया।
मौके पर विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, एसएसपी लोकेश्वर सिंह, एडीएम अनिल गर्ब्याल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड प्रादेशिक कॉपरेटिव यूनियन शैलेन्द्र सिंह बिष्ट, मेयर आरती भंडारी, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल किशोर रावत आदि मोजूद रहे।