क्या CM मान चुके, असफल हो गए पर्यटन मंत्रीः हरीश रावत
पूर्व सीएम ने दो मंत्रियों को दो धामों की जिम्मेदारी देने पर सरकार को घेरा
Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा में दो तीर्थस्थलों के ऑब्जर्वेशन और मॉनिटिरिंग के लिए दो मंत्रियों को जिम्मेदारी दिए जाने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने धामी सरकार को घेरा है। कहा कि क्या मुख्यमंत्री मान चुके कि पर्यटन मंत्री चारधाम यात्रा को सुचारु करने में असफल हो गए हैं? यह बात उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में कहा है।
बकौल हरीश रावत- चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री क्या मान चुके हैं कि पर्यटन मंत्री चारधाम यात्रा को सुचारु करने में असफल हो गए हैं। यही वजह है कि दो मंत्रियों को अलग-अलग धामों की जिम्मेदारी दी गई है। कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर व्यवस्था वहां से गड़बड़ाई है, जहां से यात्रा प्रारंभ हो रही है।
दूसरा स्थान जहां से यात्रा को व्यवस्थित करना और जिन लोगों को रोका जा रहा है, उनके लिए वैकल्पिक उपाय करने के लिए केदारनाथ में सोनप्रयाग और बदरीनाथ में जोशीमठ एवं आगे गोविंदघाट है। जिन यात्रियों को रोकना पड़ रहा है, उन यात्रियों के लिए शासकीय व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उनके ऊपर खर्चे का दबाव न पड़े।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान मेडिकल सुविधाएं पहले से ही लचर हैं और इस बार जब यात्रा में अधिक संख्या का अनुमान था तो फिर चिकित्सा व्यवस्थाओं को भी उसी हिसाब से जुटाया जाना चाहिए था।
हरदा ने कहा कि ऋषिकेश में लोगों को समुचित मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है, यदि उन्हें समुचित मार्गदर्शन मिले और सही सूचनाओं का आदान-प्रदान रहे तो स्थिति सुधारी जा सकती थी।
पूर्व सीएम ने कहा कि वह आईटीबीपी को जिम्मेदारी देने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एसडीआरएफ का रोल और बढ़ाया जाना चाहिए, यात्रियों को एस्कॉर्ट करने से लेकर धाम में व्यवस्था के संचालन तक के लिए।