Himalaya Day: ऋषिकेश। हिमालय दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालय का किसी राज्य, देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्व है। इसलिए हिमालय को बचाना हम सभी के लिए जरूरी है। हिमालय बचेगा, तभी जीवन भी बचा रहेगा। उन्होंने हिमालय के जलस्रोतों धारों, नालों के अध्ययन, संरक्षण और संवर्धन के लिए एक कमेटी बनाने की बात भी कही।
शुक्रवार को सीएम धामी सुबह स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन में आयोजित हिमालय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग के लिए पहुंचे। कहा जरूरी है कि हिमालय से जुड़े राज्यों के लिए वहां की भौगोलिक और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप ही विकास मॉडल बने। हमने नीति आयोग की बैठक में भी हिमालय के सरोकारों के साथ महत्वपूर्ण सुझाव और प्रस्ताव साझा किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में हमें इकॉलोजी और इकोनॉमी को साथ रखकर कार्य करना होगा। हिमालय की जैव विविधता को संरक्षित करना है। हिमालय के संरक्षण के लिए यहां की संस्कृति, नदियों और वनों का संरक्षण जरूरी है। विकास और प्रकृति संतुलन बनाना होगा। हिमालयी राज्यों को विकास के दृष्टिगत पारिस्थितिकी और आर्थिकी के समन्वय पर ध्यान देने की भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखण्ड वासियों के स्वभाव में है, हरेला जैसे पर्व, प्रकृति से जुड़ने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का परिणाम है। पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल, जंगल, जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की जरूरत है। सामाजिक चेतना तथा समेकित सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।
स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि ने कहा कि पहाड़ी राज्य का प्रत्येक व्यक्ति हिमालय का प्रहरी है। इस भूभाग का संरक्षण ही असल में हमारे भविष्य का संरक्षण है। पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि हिमालय के संरक्षण को यहां के निवासियों, एनजीओ और शोध संस्थानो द्वारा गंभीरता से लिया जाना चाहिए। हिमालय के साथ यहां के मूल निवासियों का संरक्षण भी है। हमारा भविष्य तभी सुरक्षित है, जब हिमालय सुरक्षित होगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, थराली विधायक भोपाल राम टम्टा, डीमए पौड़ी विजय कुमार जोगदंडे, एसएसपी जसवंत सिंह चौहान, एकल भारत लोक शिक्षा परिषद से नीरज राय आदि मौजूद रहे।