उत्तराखंडसियासत

Uttarakhand: नए जिलों का जिन्न फिर निकला बाहर

सीएम धामी ने दिए संकेत, निशंक ने भी की थी 4 जिलों की घोषणा

• डेढ़ दशक पहले से लोग करते रहे हैं आंदोलन, सियासत को नहीं जमा मुद्दा
• हरीश रावत बनाना चाहते थे 9 नए जिले, मगर अब जता रहे हैं आशंका

Politics of Uttarakhad: उत्तराखंड में करीब एक दशक बाद नए जिलों के गठन का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलों के पुनर्गठन को लेकर चर्चा करने की बात की है। वर्ष 2011 के तत्कालीन सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने 4 नए जिलों की घोषणा की थी, तो 2017 में हरीश रावत सरकार भी 9 नए जिले बनाना चाहती थी। 2022 के चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी से भी कुछ जिलों को लेकर बयानबाजी हुई थी। लेकिन इसके बाद भी सब कुछ ठंडे बस्ते में ही रहा। जबकि पिछले करीब डेढ़ दशक से प्रदेश में नए जिलों को लेकर आंदोलन होते रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा हाल में 5 नए संगठनात्मक जिलों बनाने के ऐलान किया। जिनमें ऋषिकेश, कोटद्वार, रुड़की, काशीपुर और रानीखेत शामिल हैं। इसके बाद प्रदेशभर में नए जिलों के गठन की चर्चाएं शुरू हो गई। यहां तक कि सोशल मीडिया में नए जिलों की घोषणा का मैसेज भी वायरल हो गया। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाकायदा एक बयान दिया है।

सीएम धामी का कहना है कि प्रदेश में लंबे समय से यह मांग उठती रही है। जिसको लेकर विचार विमर्श किया जाएगा, कि कहां-कहां पुनर्गठन की आवश्यकता है। सरकार जनप्रतिनिधियों से चर्चा करेगी। उसके बाद आगे बढ़ा जाएगा।

बता दें कि वर्ष 2011 के 15 अगस्त के दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यमुनोत्री, कोटद्वार, डीडीहाट और रानीखेत को नया जिला बनाने की घोषणा की थी। जिसका शासनादेश भी जारी हो गया था। लेकिन सीएम बदलते ही यह घोषण ठंडे बस्ते में चली गई।

वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने भी 9 नए जिलों का जिक्र किया था। लेकिन उन्हें सत्ता नहीं मिली, तो मामला भी लटक गया। इसके बाद आए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में भी कई जगहों पर आंदोलनों की सुगबुगाहट हुई, लेकिन सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया। तब कहा जाता था कि टीएसआर नए जिले बनाने के पक्षधर ही नहीं हैं। इसके बाद इसपर कभी चर्चा नहीं हुई।

मीडिया की चर्चाओं को मानें तो अब धामी सरकार रुड़की, रामनगर, कोटद्वार, काशीपुर और रानीखेत को जिला बनाने पर विचार कर सकती है। हालांकि आशंका यह भी जाहिर की जा रही है। कि कहीं चुनावी शिगूफा मात्र न हो।

पूर्व सीएम हरीश रावत की आशंका
सीएम धामी ने जिले बनाने की चर्चा की बात पर पूर्व सीएम हरीश रावत का सवालिया लहजे में कहना है कि जिले बनाने वाली खबर में कुछ सच्चाई है? या केवल भर्ती घोटाले से ध्यान हटाने के लिए यह कहा जा रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार सच में जिले बनाना चाहती हैं तो मैं सीएम धामी को बधाई दूंगा और कहूंगा कि हमने पूरा होमवर्क किया हुआ है। आप इसको आगे बढ़ाएंगे तो आप सिकंदर साबित होंगे। उन्होंने जिलों के साथ कमिश्नरी के पुनर्गठन की जरूरत पर भी जोर दिया है।

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