ज्योतिषः मंगल-बृहस्पति की युति, ऐसा रहेगा प्रभाव
यह एक राशि रहे सावधान, शेष जातकों का बढ़ेगा मान सम्मान
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• केतु के साथ खड़ाष्टक और शनि संग द्विर्द्वादश योग- चुनौती
Mars Enters Pisces: ज्योतिष शास्त्र में मंगल को पराक्रम और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह माना गया है। ऐसे में मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन कई स्थितियों के संकेत देता है। आज मंगल ग्रह के राशि बदलने की घटना को भविष्य की दृष्टि से काफी खास माना जा रहा है। इसका बड़ा कारण गुरू बृहस्पति के साथ प्रतियुति (मेल) के कारण शनि ग्रह से द्विर्द्वादश योग और केतु के साथ खड़ाष्टक योग बनना है। अगले 41 दिन देश दुनिया के लिए नए और विकट हालातों वाले भी हो सकते हैं। जो कि अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, राजनीतिक परिवर्तन, महंगाई, अर्थनीति की असफलता आदि के तौर पर सामने आ सकते हैं।
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल के मुताबिक आज 17 मई की सुबह 10.22 बजे मंगल ग्रह कुंभ राशि से मीन राशि में प्रविष्ट हो गया है। मंगल अभी तक शनि के साथ कुंभ राशि पर गोचर कर रहे थे, अब मीन राशि में पहले से अवस्थित देवगुरु बृहस्पति से प्रतियुति का योग बन रहा है।
डॉ घिल्डियाल के अनुसार मीन राशि में मंगल व गुरु की युति कई प्रकार से अलग-अलग प्रभावों को दर्शा रही है। 41 दिन का यह युतिकाल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग घटनाक्रम के रूप में सामने आ सकता है।
उनके मुताबिक मंगल व गुरु की युति का शनि ग्रह से द्विर्द्वादश योग महंगाई व आर्थिक संकट से जुड़ा रह सकता है। जिसके कारण कहीं अर्थनीति की असफलता तो कहीं पड़ोसी देशों से दूरी संभव है। इसके अलावा भारत में कहीं राजनीतिक परिवर्तन की आशंका भी प्रतीत हो रही है।
डॉ चंडी प्रसाद कहते हैं कि 1 माह और 10 दिन के लिए मंगल और बृहस्पति का यह योग व्यक्ति को बहुत बड़ी ऊंचाई दे सकता है, बशर्ते उसके कुंडली में मंगल और बृहस्पति की स्थिति ठीक हो।
मंगल-केतु का बनेगा खड़ाष्टक योग
आचार्य घिल्डियाल का कहना है कि मीन राशि स्थित मंगल का 8वीं दृष्टि से तुला राशि स्थित केतु से खड़ाष्टक दृष्टि संबंध बनेगा। शास्त्र में मंगल और केतु के बीच नैसर्गिक शत्रुता मानी जाती है। इस दृष्टि से पूर्वोत्तर के राज्यों में अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन आदि के रूप में दिखाई देगा।
चंपावत उपचुनाव पर कैसा रहेगा प्रभाव
ज्योतिष विज्ञानी आचार्य चंडी प्रसाद ने मंगल के राशि परिवर्तन और गुरू बृहस्पति के साथ 41 दिनों के युतिकाल में चंपावत उपचुनाव का आंकलन भी किया। उनके मुताबिक चंपावत चुनाव का परिणाम ‘न भूतो न भविष्यति’ की उक्ति को चरितार्थ कर सकता है। चुनाव पर परिणाम असर को लेकर कहा कि इस प्रश्न का जवाब सार्वजनिक करना आसान नहीं। इस विषय में वह सीएम धामी के करीब अथवा परिजनों से अवश्य चर्चा कर सकते हैं।
यह रहेगा राशियों पर प्रभाव
मेष- धार्मिक कार्य होंगे, मान-सम्मान बढ़ेगा। नए रास्ते खुलेंगे। धन पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।
वृषभ- आकस्मिक धन लाभ, नया वाहन भी संभव। नाते रिश्तों में विवाद से बचें।
मिथुन- राजकीय कार्य में प्रगति या राजनीतिक लाभ की प्राप्ति।
कर्क- प्रयास करने पर मित्रों के माध्यम से नए स्टार्टअप की शुरूआत संभव।
सिंह- अलग-अलग प्रकार की चुनौतियां आएंगी, किंतु विजय होगी।
कन्या- अनुकूल समय की शुरुआत, रुके कार्य में गति व लाभ का योग।
तुला- स्वास्थ्य पर ध्यान दें, नाते रिश्तेदारी में विवाद को खत्म करना हितकर।
वृश्चिक- सहयोगी सेवा के लिए आगे आएंगे, रुके कार्य की गति बढ़ेगी।
धनु- भूमि से जुड़े लाभ का योग, निवेश कर सकते हैं।
मकर- प्रतिष्ठा में वृद्धि, भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा।
कुंभ- परेशानियां कम होंगी, किंतु चुनौतियां बनी रहेंगी, आध्यात्मिक प्रयास लाभ देगा।
मीन- तीर्थाटन का लाभ मिलेगा। धन, पद और प्रतिष्ठा की वृद्धि। परिवार में मंगल कार्य होंगे।
(ज्योतिषाचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल कुंडली, हस्तरेखा और वास्तु शास्त्र के मर्मज्ञ के साथ-साथ यंत्र साधना के अच्छे जानकार हैं। आप उनसे संपर्क कर सकते हैं। निवास’ 56/1 धर्मपुर, देहरादून, उत्तराखंड। कैंप कार्यालय- सी- 800, आईडीपीएल कॉलोनी, वीरभद्र, ऋषिकेश। मोबाइल -9411153845)