
• राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्री भी मौजूद रहे, स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के कार्यों की हुई सराहना
हरिद्वार। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रथम दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। राष्ट्रपति ने उपाधि धारक छात्रों से कहा कि आलस्य और प्रमाद को त्याग आप सब योग-परंपरा में उल्लिखित ‘अन्नमय कोश’, ‘मनोमय कोश’ और ‘प्राणमय कोश’ की शुचिता हेतु सचेत रहें। ‘विज्ञानमय कोश’ और ‘आनंदमय कोश’ तक की आंतरिक यात्रा पूरी करने की महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ेंगे। करुणा और सेवा के आदर्शों को आप अपने आचरण में ढाल कर समाज सेवा करते रहेंगे।
दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति कोविद ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं और स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्रदान की। इस दौरान कहा कि आधुनिक विज्ञान के साथ हमारी परंपरा की प्रासंगिक ज्ञान राशि जोड़ते हुए भारत को सुपर नॉलेज पावर बनाने का जो लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने निर्धारित किया है, पतंजलि विश्वविद्यालय उसपर अग्रसर है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी रामदेव ने योग की लोकप्रियता के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत सरकार के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2015 में प्रतिवर्ष 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। ऐसे प्रयासों के परिणामस्वरूप सन 2016 में ‘योग’ को यूनेस्को द्वारा‘विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ की सूची में शामिल किया गया है।
राष्ट्रपति ने क्यूबा का उदाहरण देते हुए कहा कि योग को विश्व के हर क्षेत्र और विचारधारा के लोगों ने अपनाया है। कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों से भारतीय ज्ञान-विज्ञान, विशेषकर आयुर्वेद और योग को विश्व में गौरवशाली स्थान प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि सृष्टि के साथ सामंजस्यपूर्ण जुड़ाव ही आयुर्वेद एवं योग-शास्त्र का लक्ष्य है। इस सामंजस्य के लिए यह भी आवश्यक है कि हम सभी प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली को अपनाएं तथा प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन न करें। कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव वर्ष में हमें ऐसे विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को अधिक प्रोत्साहन देना चाहिए जो हमारी संस्कृति को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय में छात्राओं की अधिक संख्या पर प्रसन्नता जताई। कहा कि परंपरा पर आधारित आधुनिक शिक्षा का विस्तार करने में हमारी बेटियां अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी में से आधुनिक युग की गार्गी, मैत्रेयी, पाला, रोमशा और लोपामुद्रा निकलेंगी जो भारतीय मनीषा और समाज की श्रेष्ठता को विश्व पटल पर स्थापित करेंगी।
युवा आउट ऑफ द बाक्स सोचें : राज्यपाल
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरती, यहां के सुंदर पर्वत, नदियां और सभी लोग महामहिम राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हैं। कहा कि स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद के माध्यम से हेल्थ सेक्टर में क्रांति की है। भविष्य में विश्व के 7 बिलियन लोग इसका लाभ उठाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि विश्व असीमित संभावनाओं और अवसरो से युक्त है। युवा पीढ़ी से अपेक्षाएं है कि आउट ऑफ द बाक्स थिकिंग और अपनी नई कल्पनाओं के साथ प्रत्येक क्षेत्र में असीमित परिणाम देंगे। संस्कृत भाषा, योग, आयुर्वेद, नैचुरोपेथी और प्राचीन भारतीय विधाओं को पढ़ने वाले युवा अगर इन्फोर्ममेशन टेक्नॉलॉजी, डिजिटिलाइजेशन, सोशल मीडिया और मास मीडिया में भी विशेषज्ञता प्राप्त कर लें तो यह हमारी प्राचीन विधाओं को नई ऊंचाईयों तक ले जा सकेंगे।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि यदि आपकी शिक्षा, प्रतिभा और विजन का लाभ हमारे देश के पिछडे़ क्षेत्रों, दूरस्थ गांवों, समाज के वंचित और निर्धन तबकों को मिले तो यह आपके जीवन को एक नया अर्थ देगा। विशेषकर उत्तराखंड के संदर्भ में यहां की शिक्षित युवाओं को स्थानीय उत्पादों, शिल्पों, संस्कृति और सोच विचार पर आधारित उद्यमों के लिए कार्य करना चाहिए। निश्चित ही आप राज्य में रिवर्स माइग्रेशन का नया अध्याय लिखेंगे।
2025 में उत्तराखंड हर क्षेत्र में नंबर वन होगा : सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति का देवभूमि और गंगा नगरी में स्वागत किया। कहा कि आज योग भारतीय संस्कृति के ध्वजारोहक के रूप दुनियाभर में पुर्नःस्थापित हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ’अंत्योदय’ के मंत्र को अपना कर आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड उन सपनों को साकार करने की दिशा में बढ़ रहा है जो इसके निर्माण के दौरान देखे गए थे। कहा कि हमारी कोशिश है कि वर्ष 2025 में हम उत्तराखंड को हर क्षेत्र में नंबर वन बना लेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव, कुलपति आचार्य बालकृष्ण, संकाय अध्यक्षा डॉ. साधवी देवप्रिया, विधायक आदेश चौहान, सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, मेयर रूड़की गौरव गोयल, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति आदि मौजूद थे।