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Politics: … तो मैं सियासत से सन्यास ले लूंगा

देहरादून। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का चैलेंज कबूल कर पूर्व सीएम हरीश रावत भी अब दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। शाह को भी चैलेंज कर दिया कि अगर वे जुम्मे की नमाज की छुट्टी का शासनादेश दिखा दें, तो वह सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लेंगे। यदि शाह ऐसा नहीं कर सके तो उन्हें ऐसे गलत प्रचार के लिए सार्वजनिक तौर पर खेद प्रकट करना चाहिए। यह बात रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की है।

फेसबुक के अपने अधिकृत पेज पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने केंद्रीय गृहमंत्री के सवालों का सीधा जवाब लिखा है। उन्होंने डेनिश शराब को लेकर भी कई सवालों को पोस्ट किया है। रावत लिखते हैं कि ‘अमित शाह ने कहा कि मैं गुजर रहा था, लंबी कतार नेशनल हाईवे पर लगी हुई थी। मैंने पूछा तो लोगों ने कहा कि हां जुम्मे की नमाज़ अदा हो रही है और हरीश रावत की सरकार ने जुमे की नमाज़ की छुट्टी दे रखी है।’

यदि उनके सारे सरकारी विभाग ऐसा कोई आदेश या शासनादेश, नोटिफिकेशन दिखा दें, जिसमें हमने जुम्मे की नमाज़ के लिए छुट्टी प्रदान की हो। यदि वो दिखा देंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। नहीं दिखा पाए तो उन्हें और उनके पार्टी के लोगों को डेनिश और जुम्मे की नमाज़ को लेकर दुष्प्रचार बंद करना चाहिए। उन्हें सार्वजनिक रूप से खेद प्रकट करना चाहिए।

श्रावत लिखते हैं कि अमित शाह ने भाजपा के विकास कार्य बनाम कांग्रेस के विकास कार्यों को लेकर मुझे चुनौती दी है। मैं उनकी चुनौती स्वीकार करने के लिए बलशाली नहीं मानता हूं। उनका आदेश होगा तो मैं कहीं भी बहस के लिए, टेलीविजन शो या आमने-सामने किसी मैदान में, मैं तैयार हूं। मुझसे उनके सारे सवालों का जवाब दूंगा।

उन्होंने एक उल्लेख डेनिश नाम की शराब की ब्रांड का किया। हां, हमारे समय में वो ब्रांड प्रचलन में थी, उसका स्वाद लोगों को पसंद नहीं आया था। क्योंकि हमने उस ब्रांड के लोगों से कहा कि आपको तभी मार्केटिंग राइट दिए जाएंगे, जब आप 20 प्रतिशत उत्तराखंडी फलों का डिस्टिलेशन को इसमें सम्मिलित करोगे। इससे डेनिश का जो नेचुरल स्वाद था वो बिगड़ गया, लोगों को पसंद नहीं आया, यह सत्यता है और हमने उसकी कीमत भी अदा की।

लेकिन डेनिश का विरोध करने का हक भाजपा को नहीं है। आज भी डेनिश शराब की दुकानों में ही नहीं बिक रही है, बल्कि भारत सरकार के भूतपूर्व रक्षाकर्मियों और उनके लिए जो कैंटीनें खोली हैं, उनमें भी डेनिश ब्रांड आवंटित की जा रही है। तो हमारी डेनिश जहर थी और भाजपा की डेनिश अमृत है। मैं इस तर्क को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूं।

बकौल रावत हां मैं एक बात जरूर दावे के साथ कह रहा हूं कि हमारे समय में शराब पीने से कहीं, किसी की मौत नहीं हुई। मगर भाजपा जिस दिन से वो सत्ता में आई 7 स्थानों पर नकली शराब से लोगों की मौत हो चुकी है। देहरादून में ऐसे एक कांड में भाजपा का एक पूर्व सभासद और भगवानपुर में अवैध शराब कांड में एक मंडल का कोई पदाधिकारी संलिप्त पाया गया।

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