पूर्व सीएम हरीश रावत की चिंता, किस तरफ जा रहा समाज?

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महिलाओं और बच्चियों के साथ बढ़ते उत्पीड़न और दुराचार के मामलों पर चिंता जताई है। कहा कि यह सिर्फ काननू व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि समाज को भी चिंतन करना होगा।
सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में पूर्व सीएम हरीश रावत ने लिखा कि इधर फिर महिलाओं व बच्चियों से दुष्कर्म के समाचार चिंताजनक हैं। हल्द्वानी में एक बच्ची के साथ दो नौजवान बलात्कार करते हैं, रुड़की में इसी तरीके की घटना आती है, एक प्रोफेसर किसी लड़की के साथ छेड़-छाड़ करने के लिए आरोपित होते हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि यह किस तरफ हमारा समाज जा रहा है? लिखा कि यह अकेले कानून व्यवस्था का ही प्रश्न नहीं है, समाज किस तरफ जा रहा है, इस पर भी अब गंभीर चिंतन की आवश्यकता है। उत्तराखंड देवभूमि है। यदि हमारी अपनी बेटियां, हमारी बहनें यहां हमसे सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर किधर और किससे बात की जाए, क्या कहा जाए?
इसलिए समाज से मानसिक सुधार का प्रयास होना चाहिए, क्यों लोगों में इतना अवसाद हो गया है कि वह बलात्कार, सामुहिक बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध कर रहे हैं! अपना जीवन भी बर्बाद कर रहे हैं, दूसरे का जीवन भी बर्बाद कर रहे हैं और समाज को भी कलंकित कर रहे हैं।