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महाराज ने दिए ‘जागड़ा पर्व’ की तैयारियों को निर्देश

• 6-7 सितंबर को हनोल स्थित महासू मंदिर में मनाया जाएगा पर्व

देहरादून। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने जौनसार भाबर के प्रमुख तीर्थ हनोल स्थित “महासू देवता मंदिर में राजकीय मेला ‘जागड़ा पर्व’ की तैयारियों को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

बुधवार को गढ़ी कैंट स्थित आई.एच.एम. परिसर में मंत्री महाराज ने जौनसार भाबर के प्रमुख तीर्थ स्थल हनोल स्थित महासू देवता मंदिर में 06-07 सितम्बर, 2024 को होने वाले राजकीय मेला जागड़ा पर्व की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आरटीओ, उपजिलाधिकारी, चकराता, अध्यक्ष, हनोल मंदिर समिति, लोक निर्माण विभाग, महाप्रबंधक, जल संस्थान और संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में एक बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि हनोल मंदिर राज्य ही नहीं अपितु पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। महासू देवता मंदिर में पूजन दर्शन के लिए उत्तराखण्ड सहित अन्य प्रदेशों से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं इसलिए उन्हें किसी प्रकार की परेशानी ना हो हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना है। परिवहन एवं संड़कों की कनेक्टिविटी के साथ साथ पार्किंग और ट्रैफिक नियंत्रण की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होनी चाहिए। साफ-सफाई का ध्यान रखने के अलावा शौचालयों का उचित प्रबंध होना चाहिए। स्वास्थ्य सेवाओं, बिजली, पानी, जनरेटर की व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए और श्रृद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में दो समय के भण्डारे की व्यवस्था होनी चाहिए।

बैठक के दौरान महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जागड़ा पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उचित पुलिस बल तैनात किया जाए और पूर्व की भांति जौनसार भाबर तथा उत्तरकाशी क्षेत्र में स्कूलों में जागड़ा पर्व के दौरान सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। श्रृद्धालुओं के जागड़ा में शामिल होने के लिए परिवहन व्यवस्था के तहत हरबर्टपुर-बैराटखाई-चकराता-हनोल। हरिद्वार-देहरादून-विकासनगर वाया चकराता से हनोल तक। देहरादून-मिनस-हनोल और हिमाचल प्रदेश के शिमला-हाटकोटकी- त्यूणी-हनोल के अलावा पांवटा-सिलाई त्यूणी-हनोल से नैरवा-अटाल-हनोल तक। देहरादून-विकासनगर- डामटा-बड़कोट-पुरोला- मोरी-हनोल तक। उत्तरकाशी से हनोल तक बसों का संचालन किया जाय।

07 सितम्बर, 2024 को त्यूनी से दसऊ तक बस सेवा का संचालन करना है। 06-07 सितम्बर, 2024 को जागड़े के दिन बस सेवा त्यूनी से हनोल तथा हनोल से त्यूनी तक संचालित की जाये। इसके अतिरिक्त जागड़े के समय टैक्सी के रेट भी निर्धारित किये जाय। सहिया से दसऊ जाने के लिए बस-टैक्सी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाय।

महाराज ने कहा कि हनोल स्थित मासूम देवता मंदिर में आयोजित होने वाले जागड़ा पर्व पर उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों और अन्य प्रदेशों से भी श्रृद्धालु आते हैं। इस अवसर पर हिमाचल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इसलिए श्रृद्धालुओं को परिवहन संबंधी परेशानी ना हो इसके लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से लिखित अनुरोध कर शिमला-हाटकोटकी-त्यूनी-हनोल तक तथा पांवटा-सिलाई- त्यूनी-हनोल तक हिमाचल सड़क परिवहन निगम की बसों के संचालन करने को कहा है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग शीघ्र ही भोपाल से ऋषिकेश देहरादून यमुनोत्री खरसाली और हनोल के लिए गंगा यमुना एक्सप्रेस का संचालन करने जा रहा है जिसके तहत इन सभी धार्मिक स्थलों के उन्हें दर्शन करवाए जाएंगे।

बैठक में पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, निदेशक प्रचार सुमित पंत, संस्कृति निदेशक बीना भट्ट, एसडीएम चकराता अर्पणा ढौंडियाल, एसपी सिटी प्रत्युष सिंह, आरटीओ पर्वतीय परिवहन शैलेश तिवारी, आरटीओ विकासनगर, चकराता तहसीलदार दयाराम, एनएच चीफ दयानंद, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी अनिल पांगती, पीडब्ल्यूडी सहिया की एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रचना थपलियाल के अलावा वजीर पासीवेल हानोल जयपाल सिंह, कमल बिजल्वाण, शांति राम डोभाल आदि मौजूद थे।

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