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नरेंद्रनगरः राजमहल में पिरोया गया तिलों का तेल

इससे किया जाता है भगवान बदरीनाथ का अभिषेक, 12 मई को खुलेंगे कपाट

Char Dham Yatra 2024 : नरेंद्रनगर (राजेन्द्र गुसाईं)। भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में परंपरा के अनुसार सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल पिरोया। इसके बाद गाडू घड़ा (तेल कलश) को लेकर डिमरी धार्मिक पंचायत धाम के लिए प्रस्थान करेगी।

गुरुवार को नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल ने परंपरानुसार महारानी माला राज्यलक्ष्मी के हाथों विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ तिलों का तेल पिरोने की शुरूआत की। इसके बाद 60 सुहागिन महिलाओं ने पीला वस्त्र धारण कर मूसल, ओखली और सिलबट्टे पर तेल पिरोया। जिसे गाडू घड़ा (तेल कलश) में एकत्र किया गया।

इससे पूर्व गाडू घड़े की भी विविधिधान से पूजा अर्चना की गई। तेल पिरोने की परंपरा के निर्वह्न के लिए राजमहल को फूल-मालाओं से सजाया गया था। बताया गया कि तेल पिरोये जाने के बाद तेल कलश को डिमरी धार्मिक पंचायत को सौंपा जाएगा। तेल कलश यात्रा आज रात्रि में ऋषिकेश में विश्राम करेगी।

शुक्रवार को कलश यात्रा अगले पड़ाव श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग होते हुए डिम्मर पहुंचेगी। कपाट खुलने से कुछ दिन पहले कलश यात्रा डिम्मर से बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। जो कि 11 मई की शाम बदरीनाथ पहुंचेगी।

इस अवसर पर महाराजा मनुजयेंद्र शाह और महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह ने विश्व शांति और समृद्धि की कामना की। कहा कि सच्चे मन से बदरीनाथ की यात्रा पर मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को चारों धाम की यात्रा पर आने का आह्वान किया।

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