जीवनदायिनी गंगा को प्रदूषण से बचाना जरूरीः मैती
हर्डस संस्था द्वारा स्पर्श गंगा दिवस पर गंगोत्री विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित

ऋषिकेश। हिमालयन एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (हर्डस) की ओर से गंगोत्री विद्या निकेतन बापूग्राम में स्पर्श गंगा दिवस आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पदमश्री कल्याण सिंह रावत ’मैती’ ने कहा कि गंगा जीवनदायिनी है, इसका जल अमृत है, उसको प्रदूषित होने से बचाना होगा।
मैती ने ग्लोबल वार्मिंग के चलते तेजी से ग्लेशियर पिघलने पर चिंता व्यक्त की। चेताया कि यदि हम सावधान नहीं हुए तो सन 2050 तक आते-आते पानी का संकट गहरा सकता है। हर्डस के संस्थापक सदस्य प्रो. प्रभाकर बडोनी ने उपस्थित लोगों और बच्चों से पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प दिलाया।
हर्डस के सचिव व कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीन प्रो. अतुल जोशी ने स्पर्श गंगा के अभियान की विस्तार से जानकारी दी। समाजसेवी संजय शास्त्री ने कहा कि बच्चे प्रकृति के चितेरे संवाहक होते हैं, उनको जल संक्षण के लिए आगे आना होगा।
इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण व समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले तीन शिक्षकों डॉ. पंकज उप्रेती, डॉ. एसपी सिंह और जगदीश टम्टा को स्पर्श गंगा शिक्षकश्री सम्मान- 2023 से नवाजा गया। वहीं मैती संस्था ने प्रभाकर बडोनी को 2023 के मैती सम्मान से भी नवाजा।
कार्यक्रम अध्यक्ष शिक्षाविद बंशीधर पोखरियाल ने आज के विषम समय में स्पर्श गंगा के अभियान को एक जरूरी अभियान बताया। इससे पूर्व विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रमोद मलासी, रामप्रसाद उनियाल, प्रबोध उनियाल व संचालिका निधि पोखरियाल ने मंचासीन लोगों को स्मृति चिह्न प्रदान किए।
इस दौरान बच्चों ने स्पर्श गंगा दिवस पर उत्तराखंड की संस्कृति को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों की शृंखलाबद्ध प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन सुनील थपलियाल ने किया। मौके पर चंद्रवीर पोखरियाल, सर्वेश उनियाल, डॉ विनोद जोशी, जीवन चंद्र उपाध्याय, पेड़ गुरु धन सिंह घरिया, कंचनलता सिन्हा, वीरेंद्र नाथ गुप्ता, अंजना कंडवाल, यज्ञव्रत पोखरियाल, गौरा देवी, संतोषी खंतवाल, चमन, प्रवेश आदि मौजूद रहे।