Rishikesh: कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
Kartik Purnima : ऋषिकेश। करीब एक सप्ताह कार्तिक पूर्णिमा के पावन स्नान पर्व पर तीर्थनगरी की रौनक लौट आई। देश के विभिन्न प्रांतों ने सुबह से ही श्रद्धालुओं के ऋषिकेश पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर हर हर गंगे के उद्घोष के साथ आस्था की डुबकी लगाई। वहीं स्नान के बाद दान पुण्य कर परिवार की सुख समद्धि के लिए भगवान शिव, विष्णु और पतित पावनी मां गंगा से प्रार्थना की।
उत्तरी भारत के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद तीर्थनगरी में वीकेंड पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई थी। शुक्रवार को वीकेंड और कार्तिंक पूर्णिमा स्नान पर्व पर एक सप्ताह ऋषिकेश में पसरा सन्नाटा टूटा। दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल से बड़ी संख्या श्रद्धालु और पर्यटक तीर्थनगरी पहुंचे। ब्रह्ममुहूर्त से ही त्रिवेणी घाट, पूर्णानंद घाट, दयानंद आश्रम घाट, परमार्थ निकेतन घाट, वानप्रस्थ घाट, गीताभवन घाट, श्री लक्ष्मीनारायण घाट, श्री शत्रुघ्न घाट, सांई घाट, संत सेवा घाट, स्वर्गाश्रम चौक घाट आदि गंगा घाटों पर स्नान के लिए जुटने लग गए थे। सुबह नौ बजे के बाद तो गंगा घाटों पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची। श्रद्धालुओं ने पहले स्नान और पूजा अर्चना की। इसे बाद ब्रह्मणों व भिक्षुओं को भोजन और दान किया।
श्यामपुर से डायर्वट किए वाहन
कार्तिक पूर्णिमा के स्नान और वीकेंड के मद्देनजर ऋषिकेश पुलिस ने विशेष तैयारी की थी। श्यामपुर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों के वाहनों को बायपास पर डायवर्ट किया जा रहा था। केवल स्थानीय वाहनों को हरिद्वार-ऋषिकेश रोड पर प्रवेश दिया गया। वहीं श्यामपुर फाटक, कोयल ग्रांट, पुरानी चुंगी, त्रिवेणी घाट चौराहा, चंद्रभागा पुल और मधुबन आश्रम के पास यातायाता के संचालन के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इसका असर यह हुआ की श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सैलाब उमड़ने के बावजूद सड़कों पर जाम नहीं लगा।
सड़कों पर नहीं खड़े होने दिए वाहन
ऋषिकेश कोतवाली, मुनिकीरेती और लक्ष्मण झूला थानाक्षेत्र में पुलिस ने सड़कों पर वाहन नहीं खड़े होने दिए। इस दौरान सड़कों खड़े करने वाले एक दर्जन से अधिक वाहनों के चालान किए गए। पुलिस ने पर्यटकों को निर्धारित पार्किंग में वाहन खड़े करने के निर्देश दिए।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान का महत्व
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन स्नान, व्रत और तप की दृष्टि से मोक्ष प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि भगवान विष्णु का पहला अवतार इसी दिन हुआ था। भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक का संहार भी इसी दिन किया था।
श्यामपुर बाइपास पर रेंग कर चले वाहन
पुलिस की ओर से सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के वाहनों को श्यामपुर बाइपास से भेजा जा रहा है। इसके चलते बाइपास पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया। दिनभर बाइपास पर वाहन रेंग रेंग कर चलते थे। शाम को वाहनों का दबाव कम होने पर बाइपास पर वाहनों की आवाजाही सुचारू हुई। वहीं तपोवन चेक पोस्ट के साथ ही कैलाश गेट, मधुबन आश्रम तिराहे के पास भी कई बार जाम की स्थिति बनी।