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एम्स में कराएं फेफड़ों के कैंसर का उपचार

संस्थान में प्रत्येक शुक्रवार को संचालित होगा लंग क्लीनिक

शिखर हिमालय डेस्क
ऋषिकेश। धूम्रपान करने वाले सावधान हो जाएं। लंबे समय तक खांसी और थकान महसूस करना फेफड़ों के कैंसर का लक्षण हो सकते हैं। ऐसे मरीजों के लिए एम्स ने स्पेशल लंग क्लीनिक की शुरूआत की है। संस्थान में प्रत्येक शुक्रवार को क्लीनिक संचालित होगा।

पल्मोनरी विभाग के एडिशनल प्रो. डॉ. मयंक मिश्रा ने बताया कि बीड़ी-सिगरेट आदि का सेवन फेफड़ों के कैंसर का बड़ा कारण है। बताया कि तम्बाकू उत्पाद, खैनी, गुटखा, सिगार का सेवन, धुएं के संपर्क में रहने, एस्बेस्टस और रेडॉन जैसे पदार्थों के संपर्क में आने के अलावा आनुवांशिक कारणों से भी फेफड़ों का कैंसर संभव है।

बताया कि आंकडों में उत्तराखंड में लंग कैंसर के मरीजों में वृद्धि आंकी गई है। संस्थान में इसके औसतन 40 से 50 मरीज हर महीने आ रहे हैं। इसी के मद्देनजर पल्मोनरी विभाग में लंग क्लीनिक संचालित किया जा रहा है।

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण
लंबे समय से खांसी-बलगम की शिकायत, खांसी में खून आना, सांस फूलना, सीने में दर्द, वजन का कम होना, चेहरे या गले में सूजन, आवाज बदल जाना, भूख कम लगना, लगातार थकान महसूस होना आदि फेफड़ों के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

शुक्रवार को लंग क्लीनिक
एम्स में लंग क्लीनिक प्रत्येक शुक्रवार को अपराह्न 2 से 4 बजे तक संचालित किया जाएगा। इसमें पल्मोनरी विभाग की जनरल ओपीडी से रेफर मरीजों को ही देखा जाएगा। मरीजों को पहले पल्मोनरी की ओपीडी में परीक्षण कराना जरूरी है। क्लीनिक में पल्मोनरी विभाग के अलावा मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के डॉक्टर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे।

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