उत्तराखंडसियासत

Uttarakhand: विधानसभा में छाया ‘गैरसैंण में सत्र’ न कराने का मुद्दा

प्रीतम सिंह ने बताया अवमानना, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद बोले-अगला सत्र गैरसैंण में

Uttarakhand Vidhansabha Satra: देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में विधानसभा का सत्र आहूत न किए जाने पर सरकार को घेरा। विपक्ष का कहना था कि सरकार गैरसैंण को लेकर गंभीर नहीं है। गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बावजूद वहां सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन सत्र तक आहूत नहीं किया गया। विपक्ष का कहना था कि जनभावनाओं के अनुरूप गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी घोषित किया जाए।

विपक्ष के तीखे तेवरों के सामने सरकार के मंत्री असहज दिखे। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बावजूद वहां सत्र का आयोजन न कराए जाने को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक व आरोप-प्रत्यारोप हुआ।

कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार ने चारधाम यात्रा का बहाना बनाते हुए वहां ग्रीष्मकालीन सत्र तक आहूत नहीं किया। सरकार को केवल स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस व राज्य स्थापना दिवस पर गैरसैंण की याद आती है। उनका कहना था कि 22 वर्षों में भी राज्य को स्थायी राजधानी नहीं मिल पाई। प्रीतम सिंह ने गैरसैंण में सत्र आहूत न किए जाने को सदन की अवमानना करार दिया। उनका कहना था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सदन में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था, लेकिन सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी में ग्रीष्मकालीन सत्र तक आहूत नहीं कर पाई।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना था कि पूर्व में सरकार ने गैरसैंण के लिए 25 सौ करोड़ रूपये देने की घोषणा की थी, लेकिन इस समय जो बजट सरकार ने पेश किया है उसमें गैरसैंण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए घोषणा की कि आगामी सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी में आहूत किया जाएगा।

राज्य की सड़कों की खस्ताहाली और टोल व्यवस्था से जुड़े कई सवाल सरकार से पूछे गए लेकिन सदन में परिवहन मंत्री चंदन रामदास उपस्थित नहीं थे। जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार के मंत्रियों पर सवाल उठाए उनकी गैरमौजूदगी के कारण उनके विभागों से जुड़े सवालों का जवाब संसदीय कार्य मंत्री द्वारा दिया गया जिससे विपक्ष संतुष्ट नहीं दिखा।

बाल एवं महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्य को विपक्ष द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना उस समय भारी पड़ गया जब पूर्व के दो सालों में राज्य की 30 हजार बालिकाओं को नंदा गौरा देवी योजना के तहत मिलने वाले लाभ को न मिलने के बारे में पूछा गया। इस योजना के तहत इन बालिकाओं को 47 करोड़ की सहायता दी जानी थी, समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाने वाली इस योजना का लाभ बालिकाओं तक क्यों नहीं पहुंचा इसका जवाब काबीना मंत्री नहीं दे सकी।

उधर कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश द्वारा पूछा गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास बहुत सारे विभाग हैं। उनके विभागों से जुड़े सवालों का जवाब वह कब देंगे इसका दिन व समय तय किया जाए। नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। तिलक राज बेहड़ द्वारा तीन महीने पहले अपनी शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन उस पर आज तक कार्यवाही नहीं की गई न जांच हुई। उन्होंने आदेश चौहान का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार सिर्फ समस्याओं को टालने में लगी हुई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button