Uttarakhand Politics: सियासत के भी अजीब रंग हैं। चुनाव में एक दूसरे को मौके बेमौके चुनौती देने वाले भी जब किसी बहाने से ही सही एक साथ दिखें तो चर्चाओं का आम होना भी लाजिमी है। उत्तराखंड की सियासत में भी इनदिनों कुछ ऐसा ही चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) सहित भाजपा नेता, विधायक जिसे देखो वह हरीश रावत (Harish Rawat) के द्वार पर पहुंचता दिख रहा है। नतीजा, सियासी हलकों में उनकी इन मुलाकातों के मायने खोजे जा रहे हैं।
बताते चलें कि विधानसभा चुनाव के संग्राम में पूर्व सीएम हरीश रावत के कांग्रेस के लिए मोर्चेबंदी से जमीन पर माहौल कुछ अलग सा लगा। लेकिन 10 मार्च को परिणाम अप्रत्याशित रहा, तो तब से हरीश रावत इसे आसानी से स्वीकार करते नहीं दिखे। उसके बाद उन्होंने कई सवाल उठाए। लेकिन उनके सवालों के बीच सबसे पहले पुष्कर सिंह धामी शपथ ग्रहण के बाद 26 मार्च को हरीश रावत से मिलने उनके ओल्ड मसूरी रोड स्थित आवास पर अचानक ही मिलने पहुंच गए।
हरीश रावत से सीएम धामी की मुलाकात के अभी चर्चाएं तेज ही थी, कि विधानसभा अध्यक्ष की शपथ लेने के बाद राज्य की पहली महिला स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण (Ritu Khanduri Bhushan) भी 28 मार्च को हरदा से मुलाकात के लिए उनके घर पहुंची गई। उसके अगले दिन नैनीताल से विधायक व उत्तराखंड महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सरिता आर्य (Sarita Arya) और केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत (Shailarani Rawat) ने भी हरदा को उनके घर पहुंचकर पुष्पगुष्छ भेंट किए। सरिता आर्य विधानसभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस से अलग हुई, तो शैलारानी रावत ने 2016 की बगावत के खेमें के साथ ही कांग्रेस छोड़ी थी।
सबसे अचंभित करने वाला वाकया आज रहा, जब हरदा खुद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए। हालांकि सतापाल महाराज और सीएम धामी की हरदा से कल एक विवाह समारोह में भी मुलाकात हुई थी। महाराज और हरदा के बीच सियासी तौर पर छत्तीस का आंकड़ा बताया जाता है। हरदा भी कई बार इशारों में उनपर चुटकियां लेते रहे हैं। लंबे अरसे के बाद दोनों ही नेता एक साथ एक तस्वीर में दिखे हैं।
भाजपा नेताओं और हरदा की इन मुलाकातों पर सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि इसपर न हरदा ने ‘शिष्टाचार’ से आगे के पत्ते खोले हैं और न ही उन्हें मिलने वाले ही कुछ ‘सुराग’ छोड़ रहे हैं। खैर, उत्तराखंड को इन ‘शिष्टाचार’ भेंटों को क्या लाभ होगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।