
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वाराणसी में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में सीएम धामी ने राज्य से जुड़े कई मुद्दों को उठाकर गृहमंत्री शाह से सहायता मांगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा उत्तराखंड राज्य सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, संचार, सुरक्षा व रसद आपूर्ति की समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री से सीमा सड़क संगठन के माध्यम से उत्तराखंड को और अधिक सहायता प्रदान कराने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सीमावर्ती गांवों में सुविधाओं का विकास किया जाए, जिससे पलायन को रोकने में सहायता मिल सके। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में संचार सुविधाओं के विकास के लिए भारत नेट योजना, 4-जी विस्तार परियोजना और उपग्रह आधारित संचार सेवाएं प्रारंभ करने की बात भी बैठक में रखी।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के हित में केंद्र सरकार से कुछ नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता प्रदान करने की मांग भी की। उन्होंने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के केंद्रीय अनुदान का आवंटन एकमुश्त करने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कुशल संचालन को अतिरिक्त सहयोग देने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अध्ययन के लिए राज्य में उच्चस्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना और जैव विविधता संरक्षण संस्था की स्थापना के लिए भी केंद्र से तकनीकी सहयोग की मांग की।
मुख्यमंत्री ने राज्य में साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में नंदा राजजात यात्रा और 2027 में कुम्भ मेला के सफल आयोजन के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक सहयोग की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पर्वतीय भू-भाग वाले उत्तराखंड राज्य का 71 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। राज्य की जटिल भौगोलिक परिस्थिति और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियाँ सीमित हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों व सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में देश की पहली ’योग नीति’ का शुभारंभ भी किया गया है। राज्य में आयुर्वेदिक व प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करने का निर्णय भी लिया गया है। इन प्रयासों और राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने में केन्द्र सरकार द्वारा भरपूर समर्थन और सहयोग मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की विगत वर्षों की बैठकों में अनेकों महत्वपूर्ण नीतिगत व अंतर्राज्यीय विषयों के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। देश में सहकारिता, सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और गृह मंत्री के प्रयासों से भारत आंतरिक रूप से कई अधिक सुरक्षित, संगठित और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर विकसित व आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हुआ है।
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय और कई मंत्री मौजूद रहे।