
– पीएम मोदी ने ली फोन पर जानकारी, चिनकू और MI17 हेलीकॉप्टर जॉलीग्रांट पहुंचे
Uttarkashi Dharali disaster : उत्तरकाशी। आपदाग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की। सीएम ने बचाव और राहत अभियान में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार बप्रात: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा और चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयाँ आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियाँ समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। जहां उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर, हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए, राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी भेंट की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समयबद्ध तरीके से प्रभावितों तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए, सामान्य स्थिति बहाल करना है।
चिनकू और MI17 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंचे
राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 02 चिनूक और 02 एमआई – 17 हेलीकॉप्टर, आज सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध करा दिए। सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है।
बचाव में जुटे हैं सेना व ITBP के सैकड़ों जवान
बचाव अभियान में सेना के 125 अधिकारी और जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और जवान भी लगे हुए हैं। इधर, बीआरओ के 06 अधिकारी, 100 से अधिक मजदूरों के साथ बाधित सड़कों को खोलने में जुटे हुए हैं।
घायलों के लिए अस्पतालों में बेड रिजर्व
स्वास्थ्य विभाग ने आपदा में घायलों को उपचार प्रदान करने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं, साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया है। विशेष रूप से मनोचिकित्सक भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजे गए हैं।
हर्षिल और झाला में राहत शिविर शुरू
इस बीच मौके पर सेना, आईटीबीपी के साथ ही एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व विभाग की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल किए जाने के प्रयास भी युद़धस्तर पर किए जा रहे हैं। एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में भी जुट गई है। राज्य सरकार मंगलवार शाम को ही तीन आईएएस अधिकारियों के साथ ही दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के आईपीएस को राहत एवं बचाव अभियान में समन्वय के लिए उत्तरकाशी रवाना कर चुकी है।
सीएम ने की राहत कार्यों की समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेना के प्रतिनिधियों से स्थिति की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त की और उन्हें राहत कार्यों को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में रेस्क्यू एवं मेडिकल कैंप्स की स्थापना कर दी गई है तथा प्रभावितों के लिए भोजन एवं आवश्यक सामग्री की समुचित व्यवस्था*सुनिश्चित की जा रही है। कहा कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ कर दिए गए हैं। भारतीय वायुसेना के चिनूक व एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह से तैयार स्थिति में हैं, ताकि आवश्यकतानुसार शीघ्रतम कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक प्रभावित नागरिक तक सहायता पहुँचाने हेतु कटिबद्ध है।