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उत्तराखंडः सदन में ₹5,440 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

Winter Session of Uttarakhand Assembly:  देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मंगलवार को धामी सरकार ने सदन में ₹5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। शाम चार बजे वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा। वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कानून व्यवस्था पर कांग्रेस ने नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की।

कार्यवाही के दौरान हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के सवाल को स्थगित किए जाने पर विपक्ष नाराज हो गया। सुमित हृदयेश ने रिंग रोड बनाये जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा का प्रश्न उठाया था। इस पर सत्ता पक्ष ने कहा कि रिंग रोड एनएएचआइ के तहत बन रही है।

वहीं विधायक संजय डोभाल वन प्रभागों में दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों का मामला भी सदन में उठाया। कहा कि वर्षों से कम मानदेय पर काम कर रहे इन मजदूरों को नियमित किया जाए। कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने राजाजी रिजर्व पार्क में गुज्जरों के पशुओं को चुगान और लोपिंग के परमिट का मामला उठाया। कहा कि हरिद्वार ग्रामीण में काफी संख्या में वन गुज्जर लोग रहते हैं, जिनको पशु चुनाग के परमिट नहीं दिए गए हैं।

विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने गढ़वाली कुमाऊंनी जौनसारी बोली को लेकर सरकार से पूछा कि इनके बढ़ावे के लिए क्या तैयारी की जा रही है। भाषा मंत्री सुबोध उनियाल प्रादेशिक बोली को लेकर सदन में जवाब दिया। लेकिन विपक्ष के विधायक भाषा मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। प्रसाद योजना पर विधायक संजय डोभाल ने धर्मस्व मंत्री से सवाल पूछा। कहा कि यमुनोत्री धाम में प्रसाद योजना के अंतर्गत कितने धन की व्यवस्था की है?

विधानसभा में झबरेड़ा विधायक नरेंद्र ने इकबालपुर नहर परियोजना का मामला उठाया। 2013-14 में रुड़की गंगनहर से निकालकर यह परियोजना स्वीकृत की गई थी। लेकिन यह नहर परियोजना आज तक बनकर तैयार नहीं हुई। इस परियोजना से इस क्षेत्र के तकरीबन 75 गांव सिंचाई से लाभान्वित होंगे। यह परियोजना यूपी-उत्तराखंड के बीच फंसी है।

वहीं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सदन में कहा कि टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने के लिए नई व्यवस्था बनेगी। बरसात के सीजन में लकड़ी, जानवरों के शव, कूड़ा करकट हटाने के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। विधायक विक्रम सिंह नेगी ने टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने को लेकर सवाल पूछा था।

कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का का मुद्दा उठाया। कहा कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन को लेकर सरकार गम्भीर नहीं है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन पर पीठ सरकार को निर्देश दे। जिस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया। कहा कि सदन हर सदस्य का सम्मान करता है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा हम पूरी तरह से परीक्षण कराएंगे उसके बाद निर्णय लेंगे। सदन में दिवंगत पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया को श्रद्धाजंलि भी दी गई।

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