
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब भर्तियों में आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा।
इसी हफ्ते राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) द्वारा चिह्नित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई थी। जिसके बाद मंगलवार को विधायी विभाग ने क्षैतिज आरक्षण संबंधी अधिसूचना को भी जारी कर दिया है।
क्षैतिज आरक्षण कानून लागू होने पर अब चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों और उनके सभी आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लाभ मिलेगा। इसके बाद आने वाले दिनों में प्रदेश में सरकारी नौकरियों के जो भी विज्ञापन जारी होंगे, उनमें राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था होगी।
खबरों के मुताबिक जिन भर्तियों की अभी विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है और अधियाचन भेजे गए हैं, उनके विज्ञापन अब आरक्षण के साथ लागू होंगे। वहीं, जिनके अधियाचन आयोगों नहीं भेज गए हैं, उन्हें आरक्षण के प्रावधान के साथ आयोगों को भेजा जाएगा। यानि कि अब सभी संबंधित भर्तियों क्षैतिज आरक्षण के साथ ही होंगी।
बता दें कि पूर्व में राज्य आंदोलनकारियों के संबंधित विधेयक में एक आश्रित पुत्र या पुत्री के लिए ही क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था थी। नए विधेयक में चिह्नित आंदोलनकारियों की परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को भी यह लाभ मिल सकेगा। मौजूदा एक्ट में प्रवर समिति के सभी संशोधनों को शामिल किया गया है।