Uttarakhand: 1469 किमी सड़कों को डबल लेन में बदलेगा लोनिविः महाराज
बाईपास, टनल, एलीवेटेड कॉरिडोर और हेलीपोर्ट परियोजनाओं पर हो रहा काम

देहरादून। लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड तेजी से विकास की राह पर अग्रसर है। लोक निर्माण विभाग राज्य की रीढ़ के रूप में कार्य कर रहा है। सड़क नेटवर्क का विस्तार अब तक के सबसे बड़े स्तर पर किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में राज्य गठन के समय प्रदेश में सड़कों की कुल लंबाई 15,470 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 43,765 किलोमीटर हो गई है। अगले 25 वर्षों में लक्ष्य है कि राज्य को अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे से जोड़ते हुए आधुनिक यातायात सुविधाओं से लैस किया जाए। इसी कड़ी में नगला-किच्छा मार्ग को दो लेन से चार लेन में परिवर्तित करने का कार्य प्रस्तावित है।
महाराज ने कहा लोक निर्माण विभाग केवल सड़कें नहीं बना रहा, बल्कि उत्तराखंड के विकास की नई दिशा तय कर रहा है। हमारा लक्ष्य 2047 तक एक आत्मनिर्भर, विकसित और आधुनिक उत्तराखंड का निर्माण करना है।
सड़क विस्तार की नई दिशा
सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में 1469 किलोमीटर सिंगल लेन राष्ट्रीय राजमार्गों को डबल लेन में परिवर्तित किया जाएगा और 5700 किलोमीटर कच्चे मार्गों को पक्के मोटर मार्गों में बदला जाएगा। इसके अलावा, दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाने के लिए टनल, रज्जू मार्ग और भूमिगत गलियारों के निर्माण पर भी कार्य चल रहा है। राज्य में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए हल्द्वानी, खटीमा, काठगोदाम, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, ऋषिकेश, श्रीनगर, पौड़ी, कोटद्वार, रामनगर, गैरसैंण और हरिद्वार सहित कई शहरों में बाईपास निर्माण प्रस्तावित हैं। इन परियोजनाओं से न केवल ट्रैफिक जाम कम होगा, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
आधुनिक उत्तराखंड की दिशा में कदम
लोक निर्माण विभाग “विजन-2050” के तहत भविष्य की यातायात जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ठोस कार्ययोजना पर काम कर रहा है। इसके तहत मानसखंड मंदिर माला परियोजना के अंतर्गत कुमाऊं के 16 प्राचीन मंदिरों को जोड़ने वाली सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। राज्य में 460 पुराने पुलों को एडीबी की सहायता से क्लास-बी से क्लास-ए लोडिंग पुलों में अपग्रेड किया जाएगा ताकि भारी वाहनों की आवाजाही सुगम हो सके।
चारधाम और ऑल वेदर रोड परियोजना
प्रदेश के चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ सहित कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्गों पर यातायात को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार की 12,769 करोड़ रुपये की ऑल वेदर रोड परियोजना पर तेजी से कार्य हो रहा है। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना का शुभारंभ 27 दिसंबर 2016 को किया था।
सड़क सुरक्षा और शहरी यातायात समाधान
राज्य में “शून्य सहिष्णुता सड़क सुरक्षा नीति” के तहत सभी राजमार्गों पर क्रैश बैरियर और पैराफिट लगाए जा रहे हैं ताकि दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। शहरी क्षेत्रों में यातायात समाधान के लिए सभी प्रमुख शहरों में रिंग रोड, फ्लाईओवर और एलीवेटेड कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। देहरादून में 26 किलोमीटर लंबा एलीवेटेड कॉरिडोर प्रस्तावित है, जो रिस्पना और बिंदाल नदियों के ऊपर बनाया जाएगा। इसका भू-अधिग्रहण कार्य प्रगति पर है। इससे राजधानी को जाममुक्त करने में मदद मिलेगी।
हेलीपोर्ट और ग्रामीण कनेक्टिविटी में सुधार
राज्य के दुर्गम क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़ने के लिए नौकुचियाताल, हल्द्वानी, टार्टीक (अल्मोड़ा), मुनस्यारी (पिथौरागढ़), नटीण (उत्तरकाशी) और सुन्कुंडी जखोल जैसे स्थानों पर हेलीपोर्ट का निर्माण किया गया है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में अब तक 3979 गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया है। वर्ष 2000 में जहां केवल 10,048 गांव मोटर मार्गों से जुड़े थे, आज उनकी संख्या 14,027 हो चुकी है। राज्य में मोटर पुलों की संख्या 2,270 और पैदल सेतुओं की संख्या 1,303 तक पहुंच गई है।



