
देहरादून। शासन ने स्थानांतरण अधिनियम 2017 के कुछ प्रावधान में छूट देने का निर्णय लिया है। जिसके चलते अब शिक्षक अपने गृह जनपद में भी नियुक्त पा सकेंगे। इस बारे आदेश जारी कर दिया गया है।
सचिव शैलेश बगोली द्वारा जारी आदेश के तहत बताया गया है कि उत्तराखड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा-27 में अधिनियम के क्रियान्वयन में कठिनाई का निवारण के संबंध में प्राविधान है। अधिनियम की घोषणा के बाद अन्य विभागों की वार्षिक स्थानान्तरण नीतियों या अधिनियमों पर इस अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव होगा।
परन्तु यह कि यदि किसी विभाग द्वारा अपने विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों के कारण इस अधिनियम के किसी प्राविधान में कोई परिवर्तन अपेक्षित हो अथवा कार्यहित में कोई विचलन किया जाना आवश्यक हो अथवा कोई छूट अपरिहार्य हो तो ऐसे परिवर्तन / विचलन / छूट हेतु प्रस्ताव सकारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। इस समिति की संस्तुति पर मा० मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन के उपरान्त ही वांछित परिवर्तन / विचलन / छूट अनुमन्य होगा।
अतः उपरोक्त समिति द्वारा प्रदत्त संस्तुति के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि बेसिक शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग को लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा-23 में प्रत्येक वर्ष सामान्य स्थानान्तरण हेतु निर्धारित समय सारणी में पन्द्रह दिवस की छूट प्रदान की जाती है।
उक्त के अतिरिक्त उच्च शिक्षा विभाग / विद्यालयी शिक्षा विभाग के शिक्षकों को स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-17 (2) (क) एवं (ख) से छूट प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है अर्थात शिक्षकों को उनके गृह जनपद में तैनात किया जा सकेगा। यह छूट तकनीकी शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के शैक्षणिक संवर्ग पर भी लागू होगी। कृपया तदनुसार अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करें।