देहरादून

Uttarakhand: नशे की रोकथाम के लिए बनाई जाए प्रभावी कार्ययोजनाः सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हें। उन्होंनें एनडीपपीएस के तहत सख्त छापामार कार्रवाई के साथ ही राज्य की सीमा पर सघन चैकिंग अभियान चलाने को कहा। वहीं सीएम ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े ग्राम प्रधानों और वार्ड मेंबरों को जिंदगी को हां नशे को ना’ की शपथ दिलाई।

शुक्रवार को सीएम धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ राज्यस्तरीय एनसीओआरडी की बैठक की। सीएम ने नशीले पदार्थों पर प्रभावी रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाने, दवाइयों के रूप में नशीले पदार्थों के प्रचलन को रोकने के लिए एनडीपीएस एक्ट के तहत लगातार कारवाई करने के लिए संयुक्त टीम बनाकर छापे की कारवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान सीएम ने हल्द्वानी और कोटद्वार में नशा मुक्ति केन्द्रों की संचालन के लिए शीघ्र कार्यवाही करने और राज्य के बोर्डर एरिया में नशीले पदार्थों की तस्करी को पूर्णतया रोकने के लिए सघन चैकिंग अभियान चलाया जाय।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े ‘नशा मुक्त शहर-नशा मुक्त गांव’ के अन्तर्गत चिह्नित 85 गांव व वार्ड के ग्राम प्रधानों और वार्ड मेम्बर को ‘जिंदगी को हां नशे को ना’ की शपथ भी दिलाई। कहा कि 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री राज्य बनाने के लिए सभी विभागों को प्रयास करने होंगे। इस अभियान में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ा जाए। पुलिस, स्वास्थ्य, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, समाज कल्याण विभाग और जनपद स्तर पर जिलाधिकारी ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जेलों में ड्रग काउंसलिंग सेंटर बनाये जाएं। शिक्षा विभाग पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा और नशे के दुष्प्रभाव से सबंधित विषय शामिल करें। नशा मुक्ति के लिए जागरूकता के साथ ही हर स्तर पर प्रयास किये जाएं। पुलिस, प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और उच्च शिक्षा विभाग प्रभावी कार्ययोजना भी तैयार करे। जिलाधिकारी यह प्रयास करें कि उनका जनपद सबसे पहले नशे से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में सेल बनाने की आवश्यकता प्रतीत होती है, तो बनाये जाएं।

बैठक में शासन के अधिकारियों और जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा नशा मुक्ति के लिए अपने सुझाव दिए गए। इस अवसर पर विश्वविद्यालयों में ड्रग्स कंट्रोल क्लब बनाने, नशा मुक्ति के लिए ई.प्रतिज्ञा लेने, नशा मुक्ति अभियान में महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने, नशे को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल, विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान से सबंधित सुझाव आए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव एच.सी. सेमवाल, डॉ. आर. राजेश कुमार, विजय कुमार यादव, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव रंजना राजगुरू, निवेदिता कुकरेती, डीआईजी पी. रेणुका देवी, वर्चुअल माध्यम से नारकोक्सि कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेन्द्र सिंह और डीएम और एसएसपी मौजूद रहे।

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