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Uttarakhand: तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद

03 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी डोली

Tritiya Kedar Tungnath Temple : उखीमठ ( रूद्रप्रयाग)। उत्तराखंड स्थित पंचकेदारों में तृतीय तुंगनाथ मंदिर के कपाट बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे वैदिक मंत्रोचार के बीच विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए। इस अवसर पर करीब डेढ़ हजार श्रद्धालुओं ने बाबा तुंगनाथ के दर्शन किए

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इसवर्ष तुंगनाथ में 01 लाख 35 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शनों का लाभ उठाया। मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि आज भगवान तुंगनाथ की प्रातःकालीन पूजा-अर्चना के बाद सुबह 10 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हुई। बाबा तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को स्थानीय फूलों, भस्म आदि से ढ़क कर समाधि रूप दे दिया गया। इसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की देव डोली ने मंदिर परिक्रमा के बाद चोपता के लिए प्रस्थान किया।

बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि तुंगनाथ की देव डोली 02 नवंबर को भनकुन में प्रवास करेगी। 03 नवंबर को भूतनाथ मंदिर होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी। इसी दिन देवभोज का आयोजन किया भी किया जाएगा। इसके बाद यहां बाबा तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी।

इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, मठापति रामप्रसाद मैठाणी, डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित, पुजारी प्रकाश मैठाणी, गीता राम मैठाणी, हर्षवधन मैठाणी आदि मौजूद थे।


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