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Uttarakhand: नशा मुक्ति केन्द्रों को इसलिए मिला 3 महीने का अल्टीमेटम

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने ली मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक

Health News : देहरादून। सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा राज्य में संचालित सभी सरकारी व गैरसरकारी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानो और नशा मुक्ति केन्द्रो को 3 महीने के भीतर प्राधिकरण में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख (राज्य मानसिक स्वस्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखण्ड) विनियमावली 2023, उत्तराखण्ड मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख (मानसिक रूगणता से ग्रसित व्यक्तियों के अधिकार) 2023, मानसिक स्वास्थ्य स्थापना एवं नशा मुक्ति केन्द्रो की स्थापना एवं संचालन हेतु न्यूनतम मानक का गजट उत्तराखंड शासन द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है।

उन्होने कहा कि इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आम जनता मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्तियो के अधिकारो से परिचित हो सके। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संस्थान और नशा मुक्ति केन्द्र इनके अनुरूप अपने केन्द्रो को संचालित करें और मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्तियो के अधिकारो की सुरक्षा करें।

मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा राज्य के समस्त 07 मानसिक स्वास्थ्य पुनविलोकन बोर्डों के सरकारी व गैर सरकारी सदस्यो और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि वे मानसिक रोग से ग्रस्त व्याक्तियों के अधिकारो के लिये वेहतर तरीके से कार्य कर सके।

बैठक में महावीर सिंह चौहान सयुक्त सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण डॉ. भागीरथी जंगपांगी, डॉ. अमनदीप सिंह, डॉ. केएस नेगी, संयुक्त निदेशक डॉ. मयंक बडोला, डॉ. विनय शर्मा, अनिल सती, रहेश राणा, एनजीओ सदस्य अतुल गुडविन सिंह, लक्ष्मण बालन, पवन रेखा आदि आदि शामिल रहे।

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