देहरादून

Dehradun: शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएः DM

देहरादून। जिलाधिकारी सोनिका ने कहा कि शिक्षा से वंचित रहे बच्चों को नशे से दूर रखने और मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ा जाए। ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

ऋषिपर्णा सभागार जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय स्टीयरिंग समिति की बैठक वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तावित बालगणना को लेकर चर्चा की गई। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्राविधानों के अनुसार 06-14 व 06-18 (दिव्यांग) वय वर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा और अपवंचित व कमजोर वर्ग के बच्चों को शत प्रतिशत् नामांकन सुनिश्चित करना है।

डीएम ने शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए योजना बनाने और अभियान चलाकर कार्य करने के निर्देश शिक्षा व रेखीय विभागों को दिए। कहा कि शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा के साथ ही व्यवसायिक शिक्षा में व्यस्त रखें ताकि वे नशे की प्रवृत्ति और अपराधों से दूर रहें। बच्चों को नैतिक शिक्षा दी जाए। उनके अभिभावकों को भी जागरूक करें। इसके लिए एनजीओं का सहयोग लिया जाए।

उन्होंने कहा ऐसे बच्चे जो स्कूल नही जा रहे हैं उनको बस्तियों में ही पढाने की व्यवस्था करें। शिक्षा विभाग व बाल विकास विभाग को इस क्षेत्र में कार्य कर रहें सामाजिक संगठनों का सहयोग लेकर अभियान चलाना चाहिए। जिलाधिकारी ने बालगणना में बच्चों के चिह्नांकन कार्य को रणनीति के तहत पूर्ण करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद में जिन स्कूलों में ग्राउंड आदि की सुविधा है का विवरण उपलब्ध कराएं, ताकि इन स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए सुविधांए विकसित की जा सके। खेलों से जुड़कर बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगें और बच्चों को मोबाइल व अवसादग्रस्त जीवन से दूर रखा जा सकता है।

बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अवगत कराया कि वर्ष 2022-23 की बालगणना के आंकड़ों के आधार पर 2023-24 में विद्यालय से बाहर रह गए 454 बच्चों को एनआरएसटी बहुउद्देशीय वाहन (बटर फ्लाइज संस्था), एनआरएसटी केन्द्रों के द्वारा 12 माह का विशिष्टि प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण समाप्ति के बाद केन्द्र के बच्चों को निकटतम प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आयु के अनुसार प्रवेश कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बालगणना में चिह्नित 454 बच्चों में से आउटऑफ स्कूल 409 बच्चों को एनआरएसटी केन्द्रों व 45 बच्चों को गृह आधारित शिक्षण कार्यक्रम के तहत् सीधे प्रवेश के माध्यम से शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।

बता दें कि देहरादून नगर क्षेत्र, विकासखंड रायपुर के रायपुर, नालापानी, अजबपुर, माजरा, सेवलाकला, सहसपुर के कौलागढ, सेलाकुई, सहसपुर, झीवरहेड़ी, बनियावाला, विकासनगर के विकासनगर, हरबर्टपुर, जीवनगढ और डोईवाला के डोईवाला, मियावाला, गुजरोंवाली, बापूग्राम में बाह्य व्यवस्था से की जाने वाली बालगणना व घर-घर सर्वेक्षण के लिए चयनित संकुल बालगणना के लिए चयनित किए गए हैं।

बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी डोईवाला मंजू भारती, विकासनगर वीपी सिंह, पल्लवी जैन, पूजा नेगी, प्रभारी बीआरसी सहसपुर सुनील कुमार, उप शिक्षा अधिकारी रायपुर प्रेमलता भारती, राकेश शर्मा आदि मौजूद थे।

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