poetry poster
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लोकसमाज
बी. मोहन के पोस्टरों में खुल जाते थे कविता के अर्थ
सुनहरी दाढ़ी में दमकता मुखमंडल। आत्मा के उजास से दीप्त आँखें। कंधे पर लटकता एक थैला। कलाजगत के बीच जाना-पहचाना…
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सुनहरी दाढ़ी में दमकता मुखमंडल। आत्मा के उजास से दीप्त आँखें। कंधे पर लटकता एक थैला। कलाजगत के बीच जाना-पहचाना…
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