garhwali
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लोकसमाज
बी. मोहन के पोस्टरों में खुल जाते थे कविता के अर्थ
सुनहरी दाढ़ी में दमकता मुखमंडल। आत्मा के उजास से दीप्त आँखें। कंधे पर लटकता एक थैला। कलाजगत के बीच जाना-पहचाना…
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• नरेंद्र कठैतलोक माटी के इसी सांनिध्य से इस भाव जगत में सुख समृद्धि की वाहक के तौर पर जानी…
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