
Aiims Rishikesh : ऋषिकेश। सांस की नली में रोढ़ी बजरी की गिट्टी फंसने से एक 7 वर्षीय बच्चे की जान पर बन आई। मासूम का जीवन बचाने के लिए माता-पिता कई अस्पतालों में भटके। एम्स पहुंचने पर चिकित्सकों ने उच्च तकनीक से फेफड़े में फंसी गिट्टी को बाहर निकाल।
हरिद्वार के शाहपुर गांव का 7 साल का मासूम के खेलने के दौरान रोढ़ी की एक गिट्टी मुंह में चली गई। जो कि गले से उतरकर सांस की नली में जाकर फंस गई। जिससे बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। परिजन बच्चे को अस्पताल ले गए तो जनपद के बड़े अस्पतालों ने भी जबाव दे दिया।
इसके बाद माता-पिता बच्चे को लेकर एम्स की पीडियाट्रिक पल्मोनरी ओपीडी में पहुंचे। उस समय संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ओपीडी में स्वयं मौजूद थीं। उनके मार्गदर्शन में डॉक्टरों की टीम ने जांच के बाद फ्लैक्सिबल वीडियो ब्रोंकोस्कॉपी करने का निर्णय लिया।
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मयंक मिश्रा ने बताया कि चिकित्सकों की टीम बच्चे की श्वास नली में फंसी गिट्टी को निकालने में सफल रही। बताया कि निकाली गई गिट्टी का साईज 1.5×1 सेमी. था। स्वस्थ होने पर बच्चे को पिछले सप्ताह से डिस्चार्ज कर दिया गया।
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के हेड प्रो. गिरीश सिंधवानी ने कहा कि ऐसे मामलों के मद्देनजर परिवार वालों को छोटी उम्र के बच्चों की देखरेख में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। चिकित्सकों में डॉ. मयंक मिश्रा, डॉ. खुश्बू तनेजा और एनेस्थेसिया डॉ. प्रवीन तलवार आदि शामिल थे।