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प. बंगाल की घटना देश के लिए चिंता का विषयः धनखड़

ऋषिकेश। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पश्चिम बंगाल में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई घटना पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज को भी चिंतन करने की आवश्यकता है।

रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एम्स ऋषिकेश पहुंचे। अपने संबोधन में उन्होंने बीते माह 9 अगस्त को पश्चिम बंगाल के एक मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई अमानवीयता और हत्या को सभ्य समाज के लिए गंभीर बताया। कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम् का ध्येय रखने वाला देश है, ऐसे में विश्व के कल्याण की कामना करने वाले देश में घटित हुई इस घटना ने मानव समाज को सोचने को मजबूर कर दिया है। उन्होंने 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड का जिक्र करते हुए कहा कि बंगाल में हुई घटना निर्भया कांड से भी अधिक भीभत्स है।

उपराष्ट्रपति ने कोविड काल के दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहते हुए वहां के चिकित्सकों द्वारा की गई कोविड संक्रमित लोगों की सेवा का उदाहरण दिया और कहा कि उस दौरान उन्होंने स्वयं बंगाल के चिकित्सकों को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए पुरस्कृत भी किया था। धनखड़ ने कहा कि देश के विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को महिलाओं के साथ लगातार हो रही इस प्रकार की घटनाओं पर दलगत भावना से ऊपर उठकर सोचना होगा और ऐसे मामलों में संसद को सख्त कानून बनाने में सहयोग करना चाहिए।

इससे पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने एम्स के क्रियाकलापों व उपलब्धियों की जानकारी साझा की। बताया कि संस्थान के अंतर्गत उधमसिंहनगर के किच्छा में 218 बेड के सेटेलाइट सेंटर के निर्माण, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत एम्स परिसर में निर्माणाधीन 150 बेड क्षमता के क्रिटिकल केयर अस्पताल भवन के अलावा टेलिमेडिसिन, ड्रोन मेडिकल आदि सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। बताया कि 12 वर्षों की संस्थागत स्तर पर उत्तरोत्तर प्रगति के लिए ही इस वर्ष नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क एनआईआरएफ द्वारा देश भर के शीर्ष 50 चिकित्सा संस्थानों में एम्स ऋषिकेश ने 14वीं रेंक हासिल की है।

समारोह में यह रहे शामिल
समारोह में उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, राज्यपाल ले. जनरल सेनि. गुरमीत सिंह, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, उपराष्ट्रपति के सचिव आईएएस सुनील कुमार, डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, उप निदेशक प्रशासन ले. कर्नल अमित पराशर, एसई ले. कर्नल राजेश जुयाल, वित्तीय सलाहकार ले. कर्नल एस. सिद्धार्थ, प्रो. लतिका मोहन, प्रो. प्रशांत पाटिल, प्रो. नवनीत भट्, प्रो. एसके हांडू, प्रो. कमर आजम, प्रो. शालिनी राजाराम, प्रो. एके मंडल, प्रो. भानु दुग्गल, प्रो. रवि गुप्ता, नर्सिंग प्राचार्य प्रो. स्मृति अरोड़ा, डॉ. अंशुमान दरबारी, डॉ. रजनीश अरोड़ा, डॉ. रश्मि मल्होत्रा, डॉ. वरूण कुमार, डॉ. पुनीत धमीजा, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, एफएनसीओ चांदराम, पीआरओ संदीप कुमार सिंह, एसएओ मुकेश पाल, एओ गौरव बडोला, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय आदि मौजूद थे।

रेजिडेंट डॉक्टरों ने सौंपा सेफ्टी ड्राफ्ट
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा चिकित्सकीय पेशेवरों की संपूर्ण सुरक्षा की मांग को लेकर सेंट्रल प्रोटक्शन एक्ट के मामले में तैयार किया गया बिल का ड्राफ्ट उपराष्ट्रपति को सौंपा गया। जिसपर उपराष्ट्रपति ने चिकित्सकों को भरोसा दिलाया कि वह इस बिल को सकारात्मक तौर से संसद में रखेंगे।

मां के नाम रोपा एक पेड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एम्स के मुख्य सभागार परिसर में एक पेड़ मां के नाम मुहिम के तहत रूद्राक्ष का पौधा रोपकर तीर्थनगरी से आध्यात्मिक एवं पर्यावरणीय संवर्धन का संदेश दिया। कहा कि हमारे जीवन के संरक्षण के लिए हमें धरती को हरियाली से आच्छादित करने का नैतिक संकल्प लेना चाहिए।

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