ऋषिकेशस्वास्थ्य

Aiims: मासूम की जान बचाने को ’संकटमोचक’ बने सेवावीर

Aiims Rishikesh News : ऋषिकेश। एम्स के सेवावीर कैंसर पीड़ित एक तीन साल के मासूम की जान बचाने को ‘संकटमोचक’ बने। सेवावीरों ने रक्तदान के माध्यम से मासूम के लिए आठ यूनिट खून दान किया। साथ ही आगे भी ब्लड की जरूरत को पूरा करने का भरोसा परिजनों को दिया। सेवावीरों की इस पहल का कार्यकारी निदेशक ने सराहना की।

जनपद नैनीताल के अधौड़ा गांव निवासी 3 वर्षीय करण के पिता हिम्मत सिंह महरा ने बताया कि मई माह में तेज बुखार आने के बाद यह उतरता-चढ़ता रहा। धीरे-धीरे बच्चे के पैरों में भी दर्द रहने लगा। करण को पहले हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, स्थिति बिगड़ने पर उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया।

उन्होंने बताया कि 2 जुलाई को एम्स में जांच के बाद पता चला कि बच्चे को ब्लड कैंसर है। तब से बच्चे का इलाज एम्स के हीमोटोलॉजी विभाग में चल रहा है और उसे कीमोथेरेपी दी जा रही है। जिसकी वजह से बच्चे के शरीर में खून बनना कम हो गया। रक्त की भरपाई को उसे बार-बार खून चढ़ाया जाता है। उसे अब तक 20 यूनिट रक्त चढ़ाया जा चुका है। इसमें से 8 यूनिट ब्लड एम्स के सेवावीरों द्वारा दिया गया है।

उधर, एम्स के सेवावीरों का कहना है कि बच्चे की जान बचाने के लिए अगर आवश्यकता पड़ी तो उनकी टीम के सभी सदस्य रक्तदान कर आगे भी मदद करेंगें

कौन हैं एम्स के सेवावीर ?
एम्स, ऋषिकेश आने वाले आम मरीजों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने और असहाय मरीजों, दिव्यांग व वृद्धजनों की सेवा के लिए एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह की पहल पर सेवावीर दल का गठन किया गया है। सेवावीरों की टीमें दो अलग-अलग स्थानों पर बनाई गई। हेल्प डेस्क के माध्यम से जनसामान्य की सहायता के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं। वर्तमान में ट्रॉमा सेंटर के निकट और एम्स की हॉस्पिटल बिल्डिंग में न्यूरो ओपीडी के निकट भू-तल पर सेवावीर हेल्प डेस्क बनाई गई है। यह सेवावीर, जरूरतमंद मरीजों को व्हील चेयर और स्ट्रेचर उपलब्ध कराने, पंजीकरण में मदद करने, ओपीडी तक छोड़ने और उनकी जांच आदि कराने में भी सहायता प्रदान करते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button