
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में चयनित 15 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। साथ ही करीब 15 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न विभागीय निर्माण योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
शनिवार को मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि सभी परियोजनाएं जनजातीय समाज की आधारभूत सुविधाओं को सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगी, नागरिकों को बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगी। कहा कि सभी युवा शिक्षक नई पीढ़ी के समग्र विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज जनजातीय समाज के उत्थान के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। आज हमारे राज्य में 4 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित हो रहे हैं, जिसमें जनजातीय समुदाय के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा एवं हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसी तरह सीमान्त जनपद पिथौरागढ में भोटिया और राजी जनजाति के शैक्षिक उन्नयन के लिये एकलव्य विद्यालय खोलने के लिए अभी हाल ही में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी आदिवासी समाज के कल्याण के लिए अनेकों कार्य कर रही है। जहां एक ओर जनजातीय समाज के बच्चों को प्राइमरी स्तर से स्नातकोत्तर स्तर तक की कक्षाओं में छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। वहीं, राज्य में 16 राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालयों का संचालन भी किया जा रहा है। साथ ही, शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में तीन आईटीआई संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था के साथ ही छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनजातीय शोध संस्थान में सौन्दर्यीकरण और बालिकाओं के लिए हाईटेक शौचालय ब्लॉक का निर्माण, आदि लक्ष्य संस्थान में डाइनिंग हॉल का निर्माण कराए जाने की घोषणा की है।
मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, दलीप सिंह रावत, प्रमोद नैनवाल, अध्यक्ष जनजाति आयोग लीलावती राणा, सचिव समाज कल्याण श्रीधर बाबू अद्दांकी, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया, निदेशक समाज कल्याण चंद्र सिंह धर्मशक्तू आदि मौजूद रहे।