देश

स्वास्थ्य सेवाएं प्रोफेशन ही नहीं मिशन भीः राष्ट्रपति

• एम्स ऋषिकेश का चौथा दीक्षांत समारोह आयोजित, राज्यपाल भी हुए शामिल

• 598 छात्र-छात्राओं को उपाधियां, 10 को स्वर्ण, एक-एक को रजत और कांस्य पदक

Aiims Rishikesh : ऋषिकेश। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र केवल एक प्रोफेशन ही नहीं बल्कि यह एक मिशन भी है। उन्होंने देशभर में बढ़ रहे डाइबिटिज के मरीजों और धूप की कमी से महिलाओं में बढ़ रही एनिमिया की बीमारी के उपचार के साथ इस दिशा में एम्स संस्थानों से अनुसंधान का आह्वान किया।

मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चौथे दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई। उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधियां प्राप्त करने वाली महिलाओं का प्रतिशत अधिक होने पर प्रसन्नता जाहिर की। कहा, यह एक सामाजिक बदलाव का संकेत है। कहा कि देशभर में बेहतर इलाज करने के कारण ही एम्स संस्थानों की विशिष्ट पहचान है।

राष्ट्रपति ने कहा कि संपन्न व सक्षम व्यक्ति के पास अपना उपचार कराने के अनेक माध्यम हैं, ऐसे में चिकित्सकों को प्रत्येक गरीब व अक्षम व्यक्ति के इलाज को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से एम्स की विशेष पहचान है।

समारोह में राष्ट्रपति ने एमबीबीएस, डीएम, बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग व बीएससी एलाइड हेल्थ साइंस के 10 मेडिकल स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल से नवाजा व उपाधियां प्रदान की।

एम्स से राज्य को विशेष लाभ: राज्यपाल
इस अवसर पर राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी। कहा कि यह समारोह स्नातक चिकित्सकों, नर्सों की उपलब्धियों का उत्सव है। कहा कि एम्स ऋषिकेश पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। उन्होंने ड्रोन से चारधाम यात्रा मार्गों पर आपात दवाओं को पहुंचाए जाने के एम्स के प्रोजेक्ट को तीर्थयात्रियों के लिए जीवन रेखा बताया। कहा कि पहले गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज के लिए राज्यवासियों को दिल्ली व चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था लेकिन ऋषिकेश में एम्स की स्थापना से राज्य को इसका विशेष लाभ मिल रहा है।

सही दिशा में आगे बढ़ रहा है एम्स: डॉ. वीके पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने एम्स ऋषिकेश को उत्तराखंड के लोगों के लिए आशा की किरण बताया। जो दुर्गम पहाड़ी राज्य के गंभीरतम मरीजों को आवश्यक तृतीयक देखभाल सेवाएं प्रदान करता है। कहा कि एम्स जैसे संस्थानों में किए गए अत्याधुनिक शोध उभरती बीमारियों और स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण हैं। टेलीमेडिसिन और अनुसंधान पहल पर हालिया जोर यह दर्शाता है कि एम्स चुनौतियों से निपटने में सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।

टेलिमेडिसिन चिकित्सा क्षेत्र में माइल स्टोन: नंदी
समारोह के दौरान यूजी, पीजी, सुपर स्पेशलिटी तथा एलाइड साइंस के 598 छात्र- छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं। एम्स के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. समीरन नंदी ने संस्थान की टेलिमेडिसिन सर्विसेस को चिकित्सा क्षेत्र में माइल स्टोन बताया। कहा कि संस्थान एविडेंस बेस्ड मेडिसिन पर प्राथमिकता से कार्य कर रहा है।

प्रत्येक व्यक्ति को सही व समय पर उपचार के लिए संकल्पबद्ध: प्रो. मीनू सिंह
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने एम्स की सेवाओं पर प्रकाश डाला। कहा कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य रोगी की देखभाल करना है। प्रत्येक व्यक्ति को सही व समय पर उपचार मिले हम इसके लिए संकल्पबद्ध हैं। कहा कि बहुत ही कम समय में एम्स ने 1,28,070 से अधिक रोगियों का आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार किया है। बताया कि वर्तमान में संस्थान में 12 नए आपातकालीन बेड्स सहित 972 बेड उपलब्ध हैं। जिनमें 200 आईसीयू बेड शामिल हैं।

प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि शिशु मृत्युदर को कम करने और नवजात शिशुओं की पर्याप्त देखभाल के लिए नीकू और पीकू विभागों की सेवाओं का लोगों को लाभ मिल रहा है। कैंसर के इलाज पर कहा कि एम्स में उत्तराखंड के अलावा यूपी, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार आदि राज्यों के मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

उन्होंने प्रोजेक्ट संजीवनी, हेली एंबुलेंस, टेलिमेडिसिन, ड्रोन स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान कार्य, शैक्षणिक उपलब्धियों और सोशल आउटरीच सेल पर भी जानकारी साझा की। उन्होंने संस्थान की भविष्य की योजनाओं और राज्य के उधमसिंहनगर जनपद में एम्स ऋषिकेश के सेटेलाइट सेंटर स्थापित किए जाने संबंधी जानकारी भी दी।

डॉ. मनु मल्होत्रा और डॉ. जयंती पंत के संचालन में आयोजित समारोह में डीन एकेडमिक प्रो. जया चतर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, उपनिदेशक प्रशासन ले. कर्नल अमित पराशर, प्रो. प्रशांत पाटिल, वित्तीय सलाहकार ले. कर्नल एस. सिद्धार्थ, प्रो. लतिका मोहन, डॉ. मीनाक्षी धर आदि मौजूद रहे।

598 विद्यार्थियों को प्रदान की गई उपाधियां
दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एमबीबीएस 2013 बैच से 1, 2015 बैच से 1 और 2017 बैच के 98 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इनके अलावा बीएसएसी नर्सिंग 2017 बैच के 57, बीएससी नर्सिंग 2018 बैच के 97 और बीएससी नर्सिंग 2019 बैच के 100 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। एमएससी नर्सिंग के 2021 बैच के कुल 9 छात्र-छात्राओं को भी डिग्री प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि समारोह में एमडी/एमएस में 2020 बैच के 4, 2021 बैच के 111, डीएम/एमसीएच में 2021 बैच के 31, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ वर्ष 2022 बैच के 10 और बीएससी एलाईड हेल्थ साईंस 2019-20 बैच के 67 स्टूडेंट्स सहित पीएचडी करने वाले वर्ष 2017-19 बैच के 12 छात्र-छात्राओं को भी उपाधि प्रदान की गई।

मेडल प्राप्त करने वालों की सूची
गोल्ड मेडल
डा. दीपिका मेहता एमबीबीएस 2017 बैच
डॉ. कार्तिक के. डीएम हेमेटोलॉजी जनवरी 2021 बैच
डॉ. फलक ढाका एमबीबीएस 2017 बैच
डॉ. अंजलि यादव, एमबीबीएस 2017 बैच
डॉ. अक्षत ककानी एमबीबीएस 2017 बैच
कु. मंजीत, एमएससी नर्सिंग 2021 बैच
ललिता शर्मा, बीएससी नर्सिंग 2017 बैच
नंदनी भाटिया, बीएससी नर्सिंग 2018 बैच
सनमीत कौर, बीएससी नर्सिंग 2019 बैच
विप्रा, बीएससी पेरामेडिकल 2020 बैच

सिल्वर मेडल
डॉ. फलक ढाका एमबीबीएस 2017 बैच

कांस्य पदक
डॉ. अंजलि यादव 2017 बैच

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