
देहरादून। शिक्षक दिवस पर राजभवन में ‘शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार’ सम्मान समारोह आयोजित हुआ। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्ष-2024 में शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कारों के लिए चयनित 16 शिक्षक व शिक्षिकाओं को सम्मानित किया।
शुक्रवार को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल कहा कि यह सम्मान पूरे शिक्षक समाज की मेहनत और तपस्या का प्रतीक है। शिक्षक केवल ज्ञान देने वाले ही नहीं, बल्कि चरित्र, नैतिकता और जीवन मूल्यों के निर्माता होते हैं। कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार तक सीमित नहीं होना चाहिए, अध्यापक बच्चों को संस्कारवान, जिम्मेदार और राष्ट्रभक्त नागरिक बनाने में योगदान दें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अपने अनुभव, ज्ञान और परिश्रम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और भविष्य को संवारने की शिक्षकों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। कहा कि शैलेश मटियानी पहाड़ के दर्द और संवेदनाओं को गहराई से समझने वाले कथाकार थे। उन्होंने अपनी कहानियों और उपन्यासों में उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों और ग्रामीणों के संघर्ष को पिरोया। कहा कि हमारी प्राचीन परंपरा से ही गुरु को केवल शिक्षक ही नहीं, बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में पथ प्रदर्शक माना जाता है।
मौके पर सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा रंजना राजगुरु, स्व. शैलेश मटियानी के पुत्र राकेश मटियानी, गीता मटियानी, शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी व चयनित शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे।