
ऋषिकेश। स्वर्गाश्रम स्थित गीता आश्रम में आनंद आश्रम हरिद्वार के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी स्वतंत्रानंद सरस्वती का 51वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस अवसर पर संत महात्माओं ने कहा कि संतों का जीवन परोपकार के लिए होता है।
बुधवार को गीता आश्रम में भारत साधु समाज के प्रदेश अध्यक्ष महंत स्वामी देवानंद महाराज की अध्यक्षता में ब्रह्मलीन स्वामी स्वतंत्रानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान पर भारत माता मंदिर के महंत एवं निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महंत स्वामी विजयानंद सरस्वती, स्वामी राघवेन्द्र आनंद के साथ अनुयायियों ने ब्रह्मलीन संत को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर ब्रह्लीन स्वामी स्वतंत्रानंद सरस्वती द्वारा धर्म और समाज के कल्याण के लिए किए गए कार्यों को याद किया गया। कहा गया कि उनका परोपकारी जीवन हमेशा प्रेरणा देता रहा है। हमें उनके मानव कल्याण के काम को आगे बढ़ाना चाहिए।
कार्यक्रम में ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. दीपक गुप्ता, नगर पंचायत ईओ मंजू चौहान, भानुमित्र शर्मा, भरत लाल, गोपाल अग्रवाल, आदेश तोमर, बंशीलाल नौटियाल, गजेन्द्र नागर, त्रिभुवन उपाध्याय, प्रेम प्रसाद, लक्ष्मण, नीरज शास्त्री, कोमल शर्मा, पं. दिव्यानंद शास्त्री, आचार्य प्रमिला शाह, अशोक शर्मा, रविकांत आदि मौजूद रहे।