उत्तराखंड में रोप-वे विकास को मिलेगी रफ्तार
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में संचालन समिति की बैठक ली

देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में प्रदेश में रोप-वे विकास के लिए गठित संचालन समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में राज्य में रोप-वे निर्माण को गति देने और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने संबंधी कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि रोप-वे विकास समिति की पहली बोर्ड बैठक इस माह के अंत तक हर हाल में आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि समिति में सचिव पर्यटन सदस्य सचिव होंगे, जबकि एनएचएलएमएल को एक सप्ताह के भीतर एसपीवी का सीईओ नियुक्त करने को कहा गया, ताकि तय समय पर बोर्ड बैठक हो सके।
बर्द्धन ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में प्रस्तावित सभी रोप-वे परियोजनाओं को समिति से स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा, जिससे विभिन्न एजेंसियों द्वारा तैयार प्रोजेक्ट्स में होने वाली डुप्लीकेसी को रोका जा सके। निर्देश दिया कि अगले 5 से 10 वर्षों में प्रमुख रोप-वे परियोजनाओं के चलते उभरने वाले नए पर्यटक स्थलों, आवश्यक मार्ग विस्तार और आधारभूत ढांचे के विकास के लिए अभी से विस्तृत रोडमैप तैयार किया जाए।
बैठक में उत्तराखण्ड रोप-वे विकास लिमिटेड के रोडमैप पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि राज्य सरकार ने प्रदेशभर में 50 रोप-वे प्रस्तावित किए हैं, जिनमें से छह को प्राथमिकता दी गई है। सोनप्रयाग-केदारनाथ और गोविन्दघाट-हेमकुण्ट साहिब परियोजनाओं का कार्य आवंटित हो चुका है। काठगोदाम से हनुमानगढ़ी मंदिर रोप-वे अनुमोदन के चरण में है, जबकि कनकचौरी-कार्तिक स्वामी और रैथल-बारसू-बरनाला और जोशीमठ-औली-गौरसों रोप-वे की डीपीआर प्रक्रियाएं जारी हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रारंभिक चरण में इन छह परियोजनाओं पर विशेष फोकस रखा जाए। निर्देश दिया कि सोनप्रयाग-केदारनाथ और गोविन्दघाट-हेमकुण्ट साहिब रोप-वे के लिए प्रत्येक स्टेज की टाइमलाइन और पर्ट चार्ट तैयार किया जाए। साथ ही वन एवं वन्यजीव विभाग से आवश्यक स्वीकृतियां तेज़ी से प्राप्त करने पर भी जोर दिया।
उन्होंने रोप-वे निर्माण में भारी मशीनरी को निर्माण स्थल तक पहुंचाने को चुनौतीपूर्ण बताते हुए सड़कों के टर्निंग रेडियस और पुलों की मजबूती बढ़ाने के लिए अभी से कदम उठाने को कहा। इसके अलावा काठगोदाम-हनुमानगढ़ी प्रोजेक्ट में कैंची धाम को भी शामिल करते हुए वहां रोप-वे संभावनाओं की विस्तृत जांच के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव अभिषेक रूहेला, एनएचएलएमएल के प्रशांत जैन आदि मौजूद रहे।



