Youth-20 Consultation Summit : ऋषिकेश। यूथ-20 कन्सल्टेशन का एम्स में बृहस्पतिवार को आगाज हो गया। दो दिनी सम्मेलन में देश-दुनिया के डेलिगेट्स विचारों का मंथन कर युवाओं को नई दिशा प्रदान करेंगे। पहले दिन होलिस्टिक हेल्थ कॉन्कलेव में विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट व्यक्तियों ने अपने विचार रखे। इससे पूर्व डेलिगेट्स ने योगा अभ्यास किया।
समिट के शुभारंभ पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इस समिट से युवाओं को होलिस्टिक हेल्थ के प्रति अनुभव हासिल होगा। साथ ही अपने विचारों को आदान-प्रदान करने का अवसर भी मिलेगा। इसबीच उन्होंने जापान, जर्मनी, ंसिंगापुर, यूके और यूएसए सहित देशभर से आए प्रतिभागियों का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि इस समिट से वैश्विक स्तर पर भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की भावना फलीभूत हो सकेगी। युवाओं का आह्वान किया वह योगा का निरन्तर अभ्यास कर खेलों के प्रति अपनी एकाग्रता बढ़ाएं। ताकि वह प्रत्येक क्षेत्र में मजबूत होकर देश को विकसित करने में अपना योगदान दे सकें।
रामकृष्ण मिशन अस्पताल हरिद्वार के चिकित्सा अधीक्षक स्वामी दयादिपानन्द ने विश्व के युवाओं को न केवल शारीरिक तौर से अपितु मानसिक तौर से भी स्वस्थ रहने की जरूरत बताई। उन्होंने सही ज्ञान, सही सोच, सही जीवनशैली और उपयुक्त खान-पान के सिद्धान्त को जीवन में अपनाने की बात कही। उन्होंने अष्टांग योगा और प्रैक्टिकल वेदान्ता पर भी प्रकाश डाला।
परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द सरस्वती मुनि ने युवाओं को जंक फूड से बचने की सलाह देते हुए ईट राइट, ईट लाइट का सरल सिद्धान्त को अपनाने की बात कही। कहा कि किसी भी देश के विकास में वहां के युवा वर्ग का सर्वाधिक योगदान रहता है। इसलिए जरूरी है कि मेडिकेशन के बजाय वह मेडिटेशन पर ज्यादा ध्यान दें।
निदेशक युवा व खेल विभाग उत्तराखण्ड जितेन्द्र कुमार ने युवाओं को ऊर्जा का स्रोत बताते हुए कहा कि युवा वर्ग यदि अपनी सम्पूर्ण शक्ति को केन्द्रित कर दे तो वह असम्भव को सम्भव बना सकती हैं। सत्र का संचालन एम्स ऋषिकेश के इंटर्न डॉ. ओशिन पुरी ने किया।
समिट में नेशनल मेडिकल कांउन्सिल के अध्यक्ष प्रो. बीएन गंगाधर, पीजीआईईएमआर चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक प्रो. केके तलवार, एम्स मंगलागिरी के निदेशक प्रो. मुकेश त्रिपाठी, उपनिदेशक प्रशासन एम्स ले. कर्नल एआर मुखर्जी, डीन एकेडेमिक्स प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल आदि मौजूद रहे।
दूसरे सत्र में छात्रों के बीच हुई डिबेट
दूसरे सत्र में मार्डन मेडिसिन व अल्टरनेटिव मेडिसिन एवं योगा विषय पर एम्स ऋषिकेश और वीर सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल के युवा छात्रों के बीच डिबेट आयोजित की गई। दोनां पक्षों ने मार्डन और अल्टरनेटिव मेडिसिन पर गहनता से चर्चा की। इसका निष्कर्ष निकला कि इलाज की दोनों पद्धतियां अपने-अपने रूप में उपयोगी हैं और इन दोनों का इस्तेमाल करने से ज्यादा लाभ मिल सकेगा।
घरों में स्वस्थ वातावरण जरूरी
जापान की एजविल कॉरपोरेशन के सीईओ कियोहीरो यामामोटो ने युवाओं को घर के अन्दर के वातावरण का स्वास्थ्य पर असर विषय पर विचार रखे। कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का 90 प्रतिशत से अधिक समय अपने घर के भीतर ही बीतता है। इस कारण घर के भीतर के वातावरण का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। जिसके अंतर्गत घर में पर्याप्त प्रकाश, स्वच्छ हवा, संतुलित तापमान का होना जरूरी है। यह वातावरण ही उस घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य को निर्धारित करता है। घर के भीतर के खराब वातावरण के दुष्प्रभाव की वजह से व्यक्ति बीमार होता है। इसलिए आवासीय परिसरों में स्मार्ट बिल्डिंग तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए।
सुबह के सत्र में योगाभ्यास
एम्स ऑडिटोरियम में सुबह के पहले सत्र में प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया गया। इस सत्र में करीब 50 देशी-विदेशी प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। फिनलैंड की योग मर्मज्ञ मैडम हैडी ने कहा कि योग हमें भौतिकवाद से आध्यात्म की ओर ले जाता है। नियमित योग क्रियाएं बेहतर स्वास्थ्य व दीर्घ जीवन प्रदान करती हैं। उन्होंने प्रतिभागियों ने कपालभाती, अनुलोम-विलोम, सूर्य नमस्कार, उत्तमासन, भुजंगासन, सुप्तासन आदि योगाभ्यास कराया। इस सत्र में प्रो. मीनू सिंह ने भी प्रतिभाग किया। सत्र में एम्स आयुष विभाग के योगा इंस्ट्रक्टर दीपचंद जोशी, संदीप भंडारी, अमित भारद्वाज, बीना ने भी सहयोग किया। मौके पर डॉ. वंदना ढींगरा, डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. विनोद, डॉ. पूजा भदौरिया, डॉ. आशीष जैन, डॉ. राज राजेश्वरी आदि मौजूद थे।
युवाओं को नशे से दूर रहने बताई युक्ति
यूथ 20 कन्सल्टेशन इवेन्ट के तहत युवाओं को नशे से दूर रखने को लेकर आयोजित एडिक्शन मैनेजमेंट सत्र में विशेषज्ञ ने युवाओं को नशा छोड़ने व जीवन की मुख्यधारा से जुड़ने की युक्ति बताई। जर्मनी की विशेषज्ञ जीवा हैमंड ने युवाओं को व्यसनों से दूर रहने का संदेश दिया। युवाओं को बचाव के उपाय भी सुझाए। उन्होंने ‘12 स्टेप्स रिकवरी एंड भक्ति योगा‘ बताए। उन्होंने अपने अनुभव भी साझा किए। इस अवसर पर डॉ. मृदुल धर आदि फैकल्टी सदस्य मौजूद थे।