
ऋषिकेश। मायाकुंड स्थित दंडीवाड़ा आश्रम पहुंची प्रसिद्ध सिद्धपीठ धारी देवी और नागराजा की देवडोली यात्रा का धर्मप्रेमियों ने पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। इसके बाद आश्रम में देवडोली का षोडषोपचार विधि से पूजन किया गया।
मंगलवार सुबह करीब 10 बजे मां धारी देवी और नागराजा की देवडोली यात्रा मायाकुंड स्थित ब्रह्मलीन शंकराचार्य मधावाश्रम समाधि स्थल दंडीवाड़ा आश्रम पहुंची। आश्रम में अध्यक्ष दंडी स्वामी विज्ञानानंद महाराज और प्रबंधक केश्ववस्वरूप ब्रह्मचारी ने यात्रा का स्वागत किया। इसके बाद विधिविधान से देवडोली का षोडषोपचार से पूजन किया गया।
यात्रा संयोजक आचार्य सुरेंद्र प्रसाद सुंदरियाल ने कहा कि देवभूमि की प्राचीन सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने के उद्देश्य से यात्रा निकाली गई है। बताया कि सर्वे भवंतु सुखिनः की भावना के साथ डोली यात्रा उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में जाएगी। बताया कि ब्रह्मलीन शंकराचार्य माधावाश्रम महाराज मां धारी देवी की परम उपासक थे। उन्हीं की सद्प्रेरणा से मां धारी देवी की चल विग्रह स्वरूप देवडोली की स्थापना की गई है।
इस अवसर पर आश्रम के मुख्य ट्रस्टी संजय शास्त्री, बंशीधर पोखरियाल, आशाराम व्यास, रम्माबलभ भट्ट, डॉ. सुनील थपलियाल, डॉ. जनार्दन कैरवान, विशाल मणि पैन्यूली, संदीप शास्त्री, मणिराम पैन्यूली, महेश चमोली, नरेंद्र सकलानी, गंगाराम व्यास, शिवप्रसाद सेमवाल, देवेंद्र उनियाल, महावीर सिलस्वाल, राजेन्द्र चमोली, वेदकिशोर सिलस्वाल, भानु बंगवाल आदि मौजूद थे।