देहरादूनः रायफल क्लब फंड से की गई 1.50 लाख की मदद

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने रायफल क्लब फंड से जिले के 6 असहाय, अक्षम और जरूरतमंद लोगों को 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। प्रत्येक लाभार्थी को 25-25 हजार रुपये के चेक वितरित किए गए।
डीएम बंसल ने बताया कि रायफल क्लब मूलरूप से एक लक्जरी ट्रांजेक्शन है, लेकिन अब इसका उपयोग सीएसआर गतिविधियों के तहत समाज के जरूरतमंद वर्ग की सहायता के लिए किया जा रहा है। उन्होंने असहाय लोगों की पहचान करने में जुटे ग्राउंड स्टाफ और अधिकारियों की सराहना की। इस अवसर पर एसडीएम न्याय कुमकुम जोशी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कपिल कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
रायफल फंड से पहली बार असहायों की मदद
जिलाधिकारी बंसल ने बताया कि जिले में पहली बार रायफल क्लब फंड का उपयोग निर्धन, निर्बल और असहाय लोगों के लिए किया जा रहा है। अब तक इस फंड से कुल ₹12.55 लाख की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।
लाभार्थियों की मदद से खिले चेहरे
• गुलरघाटी निवासी 75 वर्षीय शमशेर सिंह को जीर्ण-शीर्ण मकान की मरम्मत के लिए सहायता दी गई।
• चन्द्रबनी निवासी प्रियंका कुकरेती, जिनके पिता का निधन हो चुका है और परिवार में दो दिव्यांग भाई हैं, को आर्थिक सहायता के साथ मास्टर डिग्री की पढ़ाई का खर्चा जिला प्रशासन उठाएगा।
• बनियावाला निवासी आनंदी देवी, जिनके पति गुमशुदा हैं और कोई आय का साधन नहीं है, को मदद दी गई।
• शिव एन्क्लेव, मेहूवाला माफी निवासी सूरज, जो हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आने से अपने दोनों पैर खो चुके हैं, को आर्थिक सहायता दी गई ताकि वे रोजगार शुरू कर सकें।
• सहस्त्रधारा निवासी मनीष, जिनकी आंख दुर्घटना में चली गई थी, को कृत्रिम आंख लगवाने के लिए सहायता दी गई।
• रोड निवासी किरण धीमान, जिनकी किडनी खराब है और पति मानसिक रूप से बीमार हैं, को भी इलाज और जीवनयापन के लिए सहायता प्रदान की गई।
आपकी जिंदगी संवारने के लिए है यह पैसाः डीएम
आर्थिक सहायता मिलने के बाद एक बुजुर्ग लाभार्थी ने जिलाधिकारी से पूछा कि क्या यह राशि लौटानी होगी? इस पर डीएम बंसल ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह पैसा लौटाने के लिए नहीं है, बल्कि आपकी जिंदगी संवारने के लिए है। इसे ऐसे ही खर्च न करें, बल्कि इससे छोटा-सा रोजगार शुरू करें ताकि परिवार की आर्थिकी चल सके।”
समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास
जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य गरीब, असहाय और अक्षम लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने कहा, “हम इस छोटी सी राशि से उनकी पूरी समस्या तो हल नहीं कर सकते, लेकिन कुछ हद तक उनका बोझ अवश्य कम कर सकते हैं।”