Uttarakhand Nikay Chunav : ऋषिकेश नगर निगम बनने के बाद हुए पहले चुनाव में भाजपा ऋषिकेश में आसानी से मेयर पद पर काबिज हो गई थी। मगर, इस बार मुकाबला आसान रहने के संकेत नहीं दिख रहे हैं। शायद इसीलिए फायर ब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऋषिकेश आने की खबर है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं, कि क्या ‘ऋषिकेश मेयर’ सीट मुकाबले में फंस गई है?
वर्ष 2018 से पहले निर्दलीय दीप शर्मा ने वोट बैंक पर अपने स्ट्रांग होल्ड के चलते 15 साल तक भाजपा और कांग्रेस को नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी से दूर रखा। नगर निगम बनने के बाद इसमें मर्ज ग्रामीण क्षेत्र के कारण राजनीतिक समीकरण बदले, तो भाजपा का सूखा खत्म हुआ। मगर, अबके ऋषिकेश मेयर सीट आरक्षित होने और राजनीतिक दलों के टिकट बंटवारे ने यहां की सियासी जमात को खदबदा दिया।
स्थानीय सियासत के जानकार बताते हैं कि नए हालातों में भाजपा के भीतर की ‘खिलाफत’ शुरूआती दिनों तक खुलकर सामने नहीं आई। जैसे ही निर्दलीय दिनेश चंद्र ‘मास्टर’ के प्रचार ने एक खास अंदाज में जोर पकड़ा, तो सारा सियासी गणित ही उलट-पलट गया। यहां का चुनावी परिदृश्य इतनी तेजी से बदला कि यह सीट उत्तराखंड की सबसे ‘हॉट सीट’ बन गई। तभी उन लोगों के हाथ भी ‘मौका’ लग गया, जो ताजा हालातों में ‘घुटन’ महसूस कर रहे थे। चर्चाएं हैं कि कई लोग खुलकर तो कई परदे के पीछे से अपनी-अपनी ‘भूमिका’ निभा रहे हैं।
इसबीच कांग्रेस और भाजपा के स्टार प्रचारकों की लिस्टें आईं, तो भाजपा की सूची में ‘यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ’ के नाम ने सबको चौंका दिया। जबकि कांग्रेस की लिस्ट में राज्य के नेताओं के अलावा कोई बड़ा नाम शामिल हैं। खबरों के अनुसार ‘योगी’ रुड़की व हल्द्वानी के अलावा ‘़ऋषिकेश’ में भी प्रचार के लिए पहुंचेंगे। जिसके बाद ऋषिकेश में योगी की इंट्री के मायने निकाले जाने लगे हैं। हालांकि बता दें कि योगी आदित्यनाथ वर्ष 2018 के चुनाव में भी ऋषिकेश आए थे। तब बापूग्राम में आयोजित उनकी चुनावी जनसभा का भाजपा को लाभ भी मिला था।
ताजा सियासी रूझानों पर जानकार बताते हैं कि ऋषिकेश में इसबार ‘राजनीति का अंदाज’ 2018 के बरक्स बिलकुल उलट हैं। खासकर राजनीतिक दलों के टिकट बंटवारे से समीकरणों के अक्स में गुणाभाग उलझ कर रह गया है। वहीं, मतदाताओं की चुप्पी ने भी पार्टियों की ‘घबराहट’ बढ़ाई हुई है। सो, योगी के आने के बाद परिणामों की असल तस्वीर क्या रहेगी? यह देखना दिलचस्प रहेगा।