
• VIP का नाम उजागर करने और विस बैकडोर भर्ती में पूर्व स्पीकर पर कार्रवाई की भी उठी मांग
RIshikesh News: ऋषिकेश में अंकिता भंडारी के पजिनों को न्याय दिलाने और रोजगार के क्षेत्र में युवाओं के हक की आवाज को अब युवा न्याय संघर्ष समिति बुलंद करेगी। सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में अंकिता हत्याकांड में वीआईपी के नाम सामने नहीं आने और विधासनसभा भर्ती प्रकरण में पूर्व स्पीकर पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर भी सवाल उठे।
रविवार को हरिद्वार मार्ग कोयलघाटी स्थित एक रेस्टोरेंट में क्षेत्र के सामाजिक और राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। जिसमें अंकिता हत्याकांड, केदार सिंह प्रकरण और विधानसभा बैकडोर भर्ती के साथ अन्य भर्ती परीक्षाओं में धांधली पर चर्चा की गई। इस दौरान युवाओं के हक की लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने के लिए युवा न्याय संघर्ष समिति का गठन किया गया। जिसमें दीपक जाटव, अरविंद हटवाल, कुसुम जोशी और उषा चौहान को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई। संजय सिलस्वाल को मीडिया का दायित्व दिया गया।
इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं कहा कहना था कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में एसटीएफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है, लेकिन अभी तक उस वीआईपी का नाम उजागर नहीं किया गया, जिसके लिए अंकिता पर दबाव बनाया गया था। वहीं जांच के बाद विधानसभा बैकडोर भर्ती को गलत ठहराया जा चुका है, बावजूद इसके अभी तक पूर्व स्पीकर के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।
इसबीच अंकिता भंडारी और केदार सिंह प्रकरण के साथ ही युवाओं के हक की लड़ाई को एकजुटता के साथ लड़ने का संकल्प जताया गया। साथ ही इस आंदोलन से क्षेत्र के आम नागरिक को जोड़ने की बात भी कही गई। सभी ने एकस्वर में अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने, कथित वीआईपी का नाम उजागर होने तक आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लिया गया।
बैठक में जयेंद्र रमोला, मोहन सिंह असवाल, डॉ. राजे सिंह नेगी, पार्षद राकेश सिंह, हिमांशु रावत, जितेंद्र पाल पाठी, सुरेंद्र सिंह नेगी, उत्तम सिंह असवाल, रविंद्र सेमवाल, उपेंद्र सकलानी, प्रमिता जोशी, सरोजनी थपलियाल, शेर सिंह रावत, राकेश नेगी आदि मौजूद थे।