ऋषिकेश: योगनगरी व आसपास मनाया गया लोक पर्व ‘घी संक्रांति’

ऋषिकेश। योगनगरी ऋषिकेश और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुधन और पर्यावरण को समर्पित लोक पर्व ‘घी संक्रांति’ परंपरानुसार मनाया गया।
अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने बताया कि उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत अपने आप में कई ऐसे पर्वों को समेटे हुई है जिनका यहां की संस्कृति में बड़ा ही खास महत्व है। इन्हीं में से एक लोक पर्व पर घी त्यार भी है। कुमाऊं मंडल में इस पर्व को घी त्यार और गढ़वाल मंडल में घी संक्रांति के नाम से जानते हैं।
डॉ नेगी ने बताया कि खास तौर पर पहाड़ों में कृषि, पशुधन और पर्यावरण पर आधारित इस पर्व को लोग धूमधाम के साथ मनाते हैं। कहा कि घी संक्रांति देवभूमि उत्तराखंड में सभी लोग पर्वों की तरह प्रकृति व स्वास्थ्य को समर्पित पर्व है।
उन्होंने बताया कि इसदिन पूजा पाठ करके अच्छी फसलों की कामना की जाती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए घी व पारंपरिक पकवान घरों में बनाए जाते हैं। उत्तराखंड की लोक मान्यता के अनुसार इस दिन घी खाना जरूरी माना जाता है।