ऋषिकेश

Rishikesh: मशहूर तबला वादक उस्ताद अकरम खान ने बांधा समां

NGA ऑडिटोरियम में पिता-पुत्र की जुगलबंदी का छात्र-छात्राओं ने उठाया लुत्फ

ऋषिकेश। ग्रामसभा खैरी कलां स्थित निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी में आयोजित संगीत समारोह में अजराड़ा घराने के मशहूर तबला वादक उस्ताद अकरम खान ने तबले की थाप से समां बांधा। इस अवसर पर उनके पुत्र जरगम खान ने तबले पर उनके साथ जुगलबंदी की। समारोह में छात्राओं ने शबद और मीराबाई के भजन की संगीतमयी प्रस्तुति भी दी।

मंगलवार को विद्यालय में महंत राम सिंह महाराज की कृपा और संत जोध सिंह महाराज के सानिध्य में आयोजित संगीत समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रसिद्ध पखावज वादक डॉ. संतोष नामदेव ने किया। वहीं, विद्यालय के कोयर ग्रुप ने मूल मंत्र, गायत्री मंत्र के साथ दैनिक प्रार्थना ’हे गोविन्द, हे गोपाल की प्रस्तुति दी। छात्राओं ने शबद ’मेर करो तृण ते मोहे जाहे’ और मीराबाई का प्रसिद्ध भजन ’पिया तोसे लागा जो ये मन’ गाकर भक्ति रस से सरोबार कर दिया।

इसके बाद संगीत समारोह में उस्ताद अकरम खान की तबले पर शास्त्रीय संगीत की तालों को बिखेर कर पंडाल तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। तबले पर उनके पुत्र ’ज़रगम’ खान ने जुगलबंदी कर समां बांध दिया। हारमोनियम पर ’भातखंडे’ संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रशिक्षक दिनकर द्विवेदी ने संगत की। समारोह में तीनों ही प्रसिद्ध वादकों की संगत ने स्वर और ताल से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

एक दिन पहले ’तबला’ कार्यशाला में उन्होंने एनजीए के छात्र-छात्राओं को तबला और अन्य वाद्ययंत्रों की बारीकियां बताई। साथ ही उन्हें उनसे जुड़ेघरानों की जानकारी दी। कहा कि शीश कटा कर भी यदि अच्छे गुरु मिल जाएं तो भी बहुत कम है। उनका आशीर्वाद हमें सफलता के शिखर तक पहुंचाता है।

इस अवसर पर संत जोध सिंह महाराज ने मुख्य अतिथि समेत अकरम खान को स्मृति चिह्न और सिरोपा भेंट किया। साथ ही उनकी धर्मपत्नी तरन्नुम खान और पुत्र जरगम खान को भी आशीर्वाद प्रदान किया। समारोह का संचालन संगीत शिक्षिका दीपमाला कोठियाल ने किया।

समारोह में विद्यालय की हेडमिस्ट्रेस अमृतपाल डंग, विद्यालयों से आए संगीतकार बांसुरी वादक ईश्वरी प्रसाद यादव, तबला वादक सोमनाथ, एनजीए की प्रधानाचार्या डॉ सुनीता शर्मा, मलय बनर्जी, निर्मल नेत्र संस्थान के जनरल मैनेजर डॉ. अजय शर्मा, डीएसबी के प्रधानाचार्य शिव सहगल, एनडीएस की प्रधानाचार्या ललिता कृष्ण स्वामी, गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के मैनेजर सरदार दर्शन सिंह, जीएनए के संगीत प्रशिक्षक डॉ. गुरजिंदर सिंह, खेल प्रशिक्षक दिनेश पैन्यूली, पूनम चौहान, राजबाला नौटियाल, सोहन सिंह कैंतूरा, विनोद बिजल्वाण आदि मौजूद रहे।

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