ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में नर्सिंग ऑफिसर्स की लंबित मांगों को लेकर जारी गतिरोध समाप्त हो गया। दोनों पक्षों में दो दौर की वार्ता की बाद अधिकांश मामलों पर सहमति बन गई है।
एम्स में विभिन्न मांगों को लेकर बीते दो दिनों से नर्सिंग ऑफिसर्स आंदोलित थे। सोमवार को उन्होंने काली पट्टी लगाकर अपना विरोध दर्ज किया था। आज मंगलवार को एम्स प्रशासन और नर्सिंग प्रतिनिधियों के बीच दो दौर की बातचीत हुई। वार्ता में कई मामलों पर दोनों पक्षों में सहमति बनी। जबकि पॉलिसी से जुड़े बिंदुओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सहमति को जरूरी बताया गया। एम्स इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजेगा। इसके बाद इन पर निर्णय लिया जाएगा।
इनमें इंस्टीट्यूट में कार्मिकों के उपचार के लिए सीजीएचएस प्रणाली, नर्सिंग कैडर के लिए टाइप 3 आवासीय सुविधा आदि बिंदु शामिल हैं। इसके अलावा एनओ की नर्सिंग के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने व राजकीय सेवा में उच्च शिक्षा के लिए शैक्षणिक अवकाश के बाबत संस्थान अपनी पॉलिसी तय करेगा।
बताया गया कि एम्स प्रशासन ऐसे लंबित प्रकरणों को प्रस्ताव के तौर पर संस्थान की स्टेंडिंग फाइनेंस कमेटी (एसएफसी) और गवर्निंग बॉडी के अनुमोदन के लिए अगली बैठक में रखेगा। नर्सिंग ऑफिसर्स ने सकारात्मक रुख अपनाने के लिए एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर(डॉ) मीनू सिंह का आभार जताया।